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Pregnancy में बार-बार उल्टी आना बन सकती है डिप्रेशन की वजह

  • Edited By Monika,
  • Updated: 22 Sep, 2025 05:03 PM
Pregnancy में बार-बार उल्टी आना बन सकती है डिप्रेशन की वजह

नारी डेस्क : गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में उल्टी (vomiting) होना आम बात है। लेकिन कुछ महिलाओं के लिए यह सामान्य उल्टी से कहीं ज्यादा गंभीर हो सकती है। इस गंभीर स्थिति को हाइपरएमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum – HG) कहा जाता है। यह न केवल शारीरिक परेशानी पैदा करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकती है।

हाइपरएमेसिस ग्रेविडेरम (HG) क्या है?

हाइपरएमेसिस ग्रेविडेरम (HG) गर्भावस्था की एक गंभीर स्थिति है, जिसमें महिला को लगातार और अत्यधिक उल्टियां होती हैं। इसके कारण शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), कमजोरी, वजन कम होना और तेज थकान महसूस होती है। यह समस्या अधिकतर गर्भावस्था के पहले तीन महीनों (पहले ट्राइमेस्टर) में दिखाई देती है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह दूसरे ट्राइमेस्टर तक भी बनी रह सकती है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

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नई स्टडी में क्या निकला?

हाल ही में द लैंसेट में प्रकाशित एक रिसर्च में दुनियाभर की 4,77,000 महिलाओं का डेटा एनालाइज किया गया। रिसर्च 18 देशों और 135 हेल्थकेयर सेंटर से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित थी। इसमें पाया गया कि HG वाली महिलाओं में मानसिक समस्याओं का खतरा 50% से ज्यादा बढ़ा हुआ था। डिप्रेशन का खतरा सामान्य प्रेग्नेंट महिलाओं की तुलना में लगभग 3 गुना ज्यादा था। कई महिलाओं में चिंता (anxiety), स्ट्रेस, नींद न आना और मूड स्विंग्स जैसे लक्षण भी देखे गए।

शारीरिक गंभीरता और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध

अध्ययन के मुताबिक HG की गंभीरता (physical severity) और मानसिक स्वास्थ्य के परिणामों (mental health outcomes) का सीधा संबंध नहीं है। यानी हल्के या गंभीर HG दोनों ही मामलों में मानसिक स्वास्थ्य पर असर हो सकता है।विशेषज्ञ का कहना है। यह स्थिति हर महिला में नहीं होती, लेकिन जिनमें होती है उन्हें तुरंत इलाज और मानसिक सहयोग की जरूरत होती है।

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HG से बचाव और देखभाल के तरीके

तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: लगातार उल्टी, डिहाइड्रेशन या कमजोरी महसूस हो तो इलाज लें।

पानी और पौष्टिक आहार लें: शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखें।

काउंसिलिंग लें: मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो तो मनोचिकित्सक से मदद लें।

विटामिन B1 का ध्यान रखें: इसकी कमी से और समस्याएं हो सकती हैं।

परिवार का सपोर्ट लें: पार्टनर और परिवार का सहयोग स्ट्रेस कम करता है।

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HG सिर्फ प्रेग्नेंसी का सामान्य हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है। इसे नजरअंदाज करने पर मां और बच्चे दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है। समय रहते डॉक्टर की सलाह लेना और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।

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