भारत देश अंग्रेजों की 200 साल कैद के बाद 15 अगस्त के दिन आजाद हुआ था। इस साल भारत देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। हर भारतीय के लिए यह बेहद ही खास माना जाता है। ऐसे में हर साल आजादी के जश्न को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। चलिए आज हम आपको स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर इस दिन से जुड़ी कुछ खास बाते बताते हैं...
- लार्ड माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त का दिन सही समझा था। असल में वह इस दिन को अपने कार्यकाल के लिए लक्की मानते थे। इसके अलावा सन 1947 में हुए शोध पत्र के मुताबिक जवाहर लाल नेहरु जी ने देश में 16 अगस्त के दिन झंडा फहराया था। इसके पीछे का कारण ज्योतिषियों द्वारा 3 जून से 15 अगस्त की तिथियां अशुभ बताना माना गया था।
- बता दें, 15 अगस्त 1947 में देश के स्वतंत्र होने के बाद सभी भारतीय मिलकर आजादी का जश्न मना रहे थे। मगर इस जश्न में हमारे राष्ट्रपिता यानि महात्मा गांधी शामिल नही थे। असल में, वे इस दौरान बंगाल के नोआखली में हिंदु व मुस्लिम के बीच चल रही सांप्रदायकि हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर बैठे थे।
- कहा जाता है कि 14 अगस्त की रात्रि को जवाहर लाल नेहरू द्वारा जब ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टनी' दिया गया था तो इसे पूरी दुनिया ने सुना था। मगर राष्ट्रपिता ने नही सुना था क्योंकि वह उस दिन 9 बजे ही सोने चले गए। जवाहर लाल नेहरू जी ने यह भाषण वायसराय लॉज से दिया था जो आज राष्ट्रपति भवन (दिल्ली) कहलाता है।
- जब देश आजाद हुआ था तब भारत का कोई राष्ट्रगान नही था। तब रवींद्रनाथ टैगोर जी ने द्वारा लिखा 'जन-गण-मन' 1950 में राष्ट्रगान घोषित किया गया। बता दें, इसे उन्होंने 1911 में बंगाली भाषा में एक कविता के तौर पर लिखा था। इसके कुल पांच छंद थे। उस समय राष्ट्रगान के तौर पर इसके पहले छंद को ही स्वीकार किया गया था।
- भारत के तिरंगा झंडा 6 अलग-अलग रुपों का सफर तय किया। इसके बाद अंत में 22 जुलाई 1947 को इसे संवैधानिक पहचान मिली। उस समय इसे राष्ट्रीय ध्वज की मान्या देते हुए चरखे की जगह सम्राट अशोक का धर्म चक्र बनाया गया था।
- आजादी के समय ही गोवा को भारत से अलग कर पुर्तगाली राज्य शामिल कर दिया था। मगर फिर सन 19 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना ने गोवा पर जीत हासिल करके इसे दोबारा भारत का हिस्सा बना लिया था।
- 14 अगस्त को पाकिस्तान व 15 अगस्त को भारत अलग होकर आजाद हुए थे। मगर उस समय दोनों मुलकों के बीच सीमा रेखा नहीं बनाई गई थी। इसके बाद 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन ने सीमा रेखा की घोषणा की थी।
- आजादी के समय विश्व की प्रसिद्ध समाचार पत्रों में भी सिर्फ भारत की ही खबरें दिखाई जा रही थी। मशहूर समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स की भी पहली खबर ‘इंडिया इंडिपेंडेंटः ब्रिटिश रूल्स एंडस’ थी।
- उस समय संचार के साधन बहुत कम होते थे। इसलिए देश के स्वंतत्र होने की खबर पूरे देशवासियों तक नहीं पहुंच पाई थी।