आज का जमाना वो नहीं रहा कि लड़कियों को उनके कपड़ों के कारण जज किया जाए। आज महिलाएं हर तरह के कपड़े पहनती हैं। उन्हें पूरी तरह से आजादी है कि वह कोई भी कपड़े पहनें लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले की एक खाप पंचायत ने एक ऐसा फैसला लिया है जिस पर आप क्या कहते हैं यह भी जानना जरूरी है।
महिलाओं के 'जींस' पहनने पर लगाई पाबंदी
दरअसल उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले की एक खाप पंचायत ने फैसला लिया है और इस फैसले के तहत महिलाओं के जींस पहनने पर पाबंदी लगा दी है। इतना ही नहीं पुरुषों के 'शॉर्ट्स' पहनने पर भी उन्होंने पाबंदी लगा दी है और कहा है कि इस फैसले का सभी को पालन करना अनिवार्य है।
क्या है इस फैसले के पीछे की वजह?
दरअसल इस फैसले पर खाप पंचायत की मानें तो जींस और शॉट्स पहनना पश्चिमी संस्कृति का हिस्सा है। इसलिए महिलाओं को साड़ी, घाघरा व सलवार-कमीज जैसे पांरपरिक भारतीय कपड़े ही पहनने चाहिए। इतना ही नहीं राजपूत समुदाय की पंचायत ने यह चेतावनी भी दी है कि इस का जो लोग उल्लंघन करेंगे उन्हें दंड भी दिया जाएगा और उन्हें बहिष्कृत किया जा सकता है। आपको बता दें कि चरथावल पुलिस थाना क्षेत्र के तहत पीपलशाह गांव में 2 मार्च को यह पंचायत बुलाई गई थी।
किसान संघ प्रमुख ने कही यह बात
खाप पंचायत के इस फैसले पर समुदाय के नेता और किसान संघ प्रमुख ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि महिलाओं के जींस पहनने और पुरुषों के शार्ट्स पहनने पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया है। क्योंकि ये परिधान पश्चिमी संस्कृति का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा, 'महिलाओं को साड़ी, घाघरा व सलवार-कमीज जैसे पारंपरिक परिधान पहनने चाहिए।'
आदेशों का हुआ उल्लंघन तो मिलेगा दंड
किसान संघ प्रमुख ठाकुर पूरन सिंह ने आगे कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसे दंड दिया जाएगा।
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