पीरियड्स आना एक नेचुरल प्रोसेस है। महिलाओं में ये साइकल 5 से 7 दिनों तक चलता है। इस दौरान शरीर में हॉर्मोनल imbalance के चलते महिलाओं को क्रैम्पस, कमर दर्द, मूड स्विंग्स, उल्टी जैसी चीजें से गुजरना पड़ता है। वहीं इस दौरान महिलाएं रात को अच्छे से सो नहीं पाती। रह- रहकर नींद खुल जाती है। ऐसा क्यों होता है...आइए आपको बताते हैं इसके बारे में।
पीरियड्स आने से पहले और दौरान क्यों होता है स्लीपिंग पैटर्न
कई महिलाएं पीरियड्स आने के पहले और उनके खत्म होने तक insomnia यानी कि अनिद्रा से जूजती हैं। इसके लिए प्रोजेस्टरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन जिम्मेदार होता है।महिलाओं के शरीर में पीरियड्स के पहले प्रोजेस्टरोन का स्तर बढ़ जाता है, वहीं पीरियड्स के दौरान इसका लेवल गिर जाता है। इससे स्लीप साइकल खराब हो जाता है। वहीं पीरियड्स के दौरान शरीर का तापमान भी बदलता है। ओवुलेशन के बाद ये लगभग 0.3 डिग्री सेल्सियस से 0.7 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो जाता है जो कि पीरियड्स शुरु होने तक हाई बना रहता है। इस वजह से भी नींद पर असर पड़ता है।
पीरियड्स में इन टिप्स से आएगी अच्छी नींद
- कमरे के तापमान को सही रखें, ताकि आपको अच्छी नींद आए।
- सोने से पहले चाय या कॉफी का सेवन न करें।
- बैलेंड डाइट लें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
इसके अलावा कई बार पीरियड्स के दिनों में लीकेज के खतरे की वजह से भी नींद टूटती रहती है। ऐसे में आप पीरियड प्रोटेक्ट का इस्तेमाल करें या तो आप लॉन्ग लास्टिंग नैपकिन को यूज करें या फिर टेंपोन या मेंस्ट्रूअल कप का इस्तेमाल करें।
सोने से पहले बाल आसान एक योगा पोज है। आप इस पोजीशन में सोने की कोशिश करें। इस पोज में सोने से मांसपेशियों को आराम मिलता है। जिन लोगों को पीरियड्स के दौरान सिर दर्द की शिकायत होती है, उन्हें भी इससे आराम मिलता है।