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Nari

प्रेगनेंसी रोकने का यह तरीका कर रहे हैं इस्तेमाल तो संभल जाएं, आपके दिल पर हो रहा है सीधा अटैक !

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 15 Feb, 2025 10:56 AM
प्रेगनेंसी रोकने का यह तरीका कर रहे हैं इस्तेमाल तो संभल जाएं, आपके दिल पर हो रहा है सीधा अटैक !

नारी डेस्क: अनचाही प्रेग्नेंसी के लिए महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में करोडों महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन वह इससे होने वाले नुकसान से अनजान है। एक नई रिसर्च में पता चला है कि अधिकतर गर्भनिरोधक दवाएं लेने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में हर महिला को स्तर्क रहने की जरूरत है।

 

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डेनमार्क में 10 से अधिक वर्षों तक 20 लाख से अधिक महिलाओं का अनुसरण करते हुए, टीम ने पाया कि सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली हार्मोनल गर्भनिरोधक - संयुक्त एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टिन गोली - इस्केमिक स्ट्रोक और दिल के दौरे को दोगुना जोखिम बढा सकती है। रिसर्च का उद्देश्य यह देखना था कि क्या मॉडर्न गर्भनिरोधक हार्मोनल दवाएं स्ट्रोक और दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाती हैं। स्टडी में पाया गया कि जो महिलाएं ब्लड प्रेशर, मोटापा या डायबिटीज जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं, उनके लिए यह खतरा और भी गंभीर हो सकता है।


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अध्ययन में पाया गया कि ईस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन से बनी गर्भनिरोधक गोलियां (combined pill) महिलाओं में दिल की बीमारियों का खतरा दोगुना कर सकती हैं। वहीं, वैजाइनल रिंग (जो योनि में रखी जाती है और धीरे-धीरे वही हार्मोन छोड़ती है) से स्ट्रोक का खतरा 2.5 गुना और हार्ट अटैक का खतरा 3.8 गुना तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, स्किन पैच से भी स्ट्रोक का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है। इसे शरीर पर लगाया जाता है और यह हार्मोन रिलीज करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स में हाई डोज हार्मोन्स होते हैं और इनका बार-बार इस्तेमाल करने से शरीर में हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है। इससे बचना चाहिए और कॉन्ट्रासेप्टिव ऑप्शंस का यूज करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।


गर्भनिरोधक गोलियाें के ये भी है नुकसान

गर्भनिरोधक गोलियां एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती हैं। लंबे समय तक इनका सेवन करने से शरीर में प्राकृतिक हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पीरियड्स में अनियमितता, मूड स्विंग्स, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियों के कारण वाटर रिटेंशन (पानी जमा होना) और भूख बढ़ने की समस्या हो सकती है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना रहती है। गोलियों में मौजूद हार्मोन रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सिरदर्द या माइग्रेनकी समस्या हो सकती है, खासकर उन महिलाओं में जो पहले से ही माइग्रेन की समस्या से जूझ रही हैं।


गर्भावस्था पर प्रभाव

लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद जब महिलाएं प्रेग्नेंसी प्लान करती हैं, तो कुछ मामलों में उन्हें गर्भधारण में देरी हो सकती है क्योंकि शरीर को हार्मोनल संतुलन दोबारा बनाने में समय लगता है। किन महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?

-40 साल से अधिक उम्र की महिलाएं।
-धूम्रपान करने वाली महिलाएं।
-ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज की मरीज।
-डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित महिलाएं।
-माइग्रेन या डिप्रेशन की समस्या वाली महिलाएं।

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