नारी डेस्क: छठ पूजा के दिनों में भारत के कई सूर्य मंदिरों में भारी भीड़ होती है, जहां लोग सूर्य देवता की पूजा करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। ये मंदिर अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। आइए जानते हैं भारत के कुछ प्रमुख सूर्य मंदिरों के बारे में, जो छठ पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच खास आकर्षण का केंद्र बनते हैं। हर साल लाखों लोग यहां दर्शन करने आते हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा
इस मंदिर को 13वीं सदी में राजा नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया था। इसका ढांचा रथ के आकार का है, जिसमें 24 पहिए और 7 घोड़े हैं। यह मंदिर वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है और यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है। छठ पूजा के दौरान यहां सूर्य देव की आराधना के लिए भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
मोढ़ेरा सूर्य मंदिर, गुजरात
मोढ़ेरा सूर्य मंदिर 11वीं सदी का प्राचीन मंदिर है, जिसे सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने बनवाया था। इसकी सुंदर नक्काशी, तालाब और स्थापत्य कला अद्वितीय है। छठ पूजा के दौरान भक्त यहां सूर्य की आराधना के लिए एकत्र होते हैं और इसे एक पवित्र तीर्थस्थान मानते हैं।
उदीच सूर्य मंदिर, बिहार
बिहार में स्थित उदीच सूर्य मंदिर छठ पूजा के दौरान विशेष रूप से लोकप्रिय है। यह मंदिर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और यहां श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपनी मन्नतें मांगते हैं। इस मंदिर का संबंध बिहार की संस्कृति से गहराई से जुड़ा है।
कटारमल सूर्य मंदिर, उत्तराखंड
यह अल्मोड़ा जिले में स्थित है और इसे 9वीं सदी में कत्युरी वंश के राजाओं ने बनवाया था। यह मंदिर विशेष रूप से अपने सुंदर और प्राचीन स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां छठ पूजा के दिनों में लोग सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल चढ़ाने आते हैं।
मार्तंड सूर्य मंदिर, जम्मू और कश्मीर
इस मंदिर का निर्माण 8वीं सदी में कश्मीर के राजा ललितादित्य ने करवाया था। इस मंदिर के अवशेष आज भी अपनी भव्यता का प्रमाण देते हैं। कश्मीर की सुंदर वादियों में बसे इस मंदिर में छठ पूजा पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
दौलताबाद सूर्य मंदिर, महाराष्ट्र
यह मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है और खासतौर से स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध है। यहां सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है, और छठ पूजा के दौरान यहां भी भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है।
छठ के अवसर पर ये सूर्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था और भक्ति का केंद्र बन जाते हैं। ये मंदिर सूर्य देव के प्रति भारतीय परंपराओं और संस्कृति को सम्मानित करने का प्रतीक हैं और हर साल लाखों लोग यहां दर्शन करने आते हैं।