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सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता- नूर चौधरी

  • Updated: 13 Sep, 2013 01:39 PM
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता- नूर चौधरी

महिलाओं के लिए जिंदगी में आगे बढऩे की राह आसान नहीं होती। उनके लिए उस वक्त मुश्किलों का दौर और भी लंबा हो जाता है जब पुरुष प्रधान मानसिकता हो। ज्योतिष के फील्ड में नाम कमाने वाली लुधियाना शहर की नूर चौधरी ने बताया कि पहले महिलाएं इस फील्ड में कम ही होती थीं, प्रतिद्वंद्वी भी कटाक्ष करते थे लेकिन बुलंद हौंसले और खुद को साबित करने की ललक ने सारी मुश्किलों को आसान कर दिया। अब वह ज्योतिष  विद्या की प्रैक्टिस के साथ समाज सेविका के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रही हैं।

जीवन का टर्निंग प्वाइंट
उनके अनुसार भाई ने धोखा न दिया होता तो शायद आज वह नामी ज्योतिषी न होतीं। वह कहती हैं कि उनके सगे भाई ने जायदाद को लेकर उन पर झूठे केस दर्ज करवाएं। उन्होंने खुद को संभाला और अपने परिवार को भी संभालने के लिए अपने पैशन ज्योतिष को प्रोफैशन बनाया। खुद अपने ग्रहों को समझ समस्याओं का निवारण किया और अब ऐसी महिलाओं की मदद के लिए हर पल तैयार रहती हैं जिन्हें अपनों ने सताया है। वह ऐसी महिलाओं को उनके हकों के प्रति जागरूक भी करती हैं।

गरीब लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
वह कहती हैं, ‘‘मेरा एक मात्र लक्ष्य अधिक से अधिक गरीब लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना है, इसलिए मैं कई लड़कियों, जो अपने परिजनों से ही सताई होती हैं या जिन्हें दहेज के लिए प्रताडित किया जाता है को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करती हूं,  उन्हें हक के लिए लडऩा सिखाती हूं। वह दहेज पीड़िताओं को इंसाफ दिलाने के लिए हमेशा से ही प्रयासरत रही हैं और रहेंगी भी।

ब्लाइंड स्कूल की बेटियां मम्मा बुलाती हैं
वह अक्सर ब्लाइंड स्कूल व मदर टैरेसा आश्रम जाकर वहां बेसहारा लड़कियों के साथ अपना समय बिताती हैं। उनकी हंसी में हंसती हैं और उदासी में उनका हौंसला बनती हैं।

 नूर कहती हैं कि, "जब ये बेटियां उन्हें मम्मा कह कर बुलाती हैं तो उनके दिल को एक अजीब सा सुकून मिलता है।"

उन्होंने कई एन.जी.ओज़ के साथ मिल कर कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध  अभियान भी छेड़ा है। वह जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के साथ उनकी काऊंसलिंग भी करती हैं।

अक्तूबर में मिल रहा है नारी शक्ति अवार्ड
नूर चौधरी को आधार फाऊंडेशन की ओर से अक्तूबर में आयोजित किए जा रहे नारी सम्मान समारोह में नारी शक्ति अवार्ड के लिए नामजद किया गया है। वह अखिल भारतीय ज्योतिष मंच की वाइस प्रैजीडैंट के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। अपनी ज्योतिष विद्या का इस्तेमाल वह पीड़ित लोगों की समस्याओं का निवारण करने के लिए करती हैं। वह जरूरतमंदों की सहायता के लिए हर पल तैयार रहती हैं।

अपनी पहचान बनाने की रही जिद
नूर चौधरी कहती हैं कि," उन्हें  अपनी अलग पहचान बनाने के लिए मुश्किलों भरे दौर से गुजरना पड़ा। हिम्मत और जज्बे  से उन्होंने अपने सपने को पूरा भी किया। 2005 में दिल्ली से टैरो रीडिंग का कोर्स किया। 2006 में आचार्य जी से ज्योतिष की शिक्षा ली और इसके बाद अपनी प्रैक्टिस में जुट गईं। बॉडी लैंग्वेज को पहचानने का कोर्स किया। हमेशा यही कोशिश रही कि लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें सही रास्ता दिखाया जाए।"

महिलाओं को संदेश देते हुए वह कहती हैं कि हर महिला अपना रैजोल्यूशन पूरा करने का संकल्प ले। लड़कियों को भी बेटों की तरह ही समझा जाए। हर महिला में कुछ कर दिखाने का और अपना मुकाम हासिल करने का हठ होना चाहिए।

जीवन की नींव का मजबूत स्तंभ है पति
वह कहती हैं, ‘‘मेरे जीवन की लड़ाई में मेरे पति स्तंभ बन कर मेरे साथ खड़े रहे। मुझे अपने सपने को पूरा करने के लिए उनका पूरा सहयोग मिला।’’

हौसले के पंखों से ही आसमान में उड़ा जा सकता है। यूथ को मैसेज देते हुए वह कहती हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। इस तरह से मिली सफलता कुछ समय की ही होती है। इंसान लाइफ के हर मोड़ पर कुछ न कुछ जरूर सीखता है।

अच्छे समाज की रचना अच्छे संस्कारों से..

नूर के अनुसार आए दिन गैंगरेप के किस्से लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं बेशक इस पर कानून सख्त किया गया है लेकिन आज जरूरत है बचपन से ही बेटों को अच्छे संस्कार देने की। नई पीढ़ी के युवकों को अच्छे संस्कार देकर ही एक अच्छे समाज की रचना की जा सकती है।

सफलता के लिए कांफीडैंस जरूरी

सफलता किसी भी क्षेत्र की हो, इंसान में कांफीडैंस का होना बेहद जरूरी है। मन में किसी बात का डर उसे कमजोर बना देता है। पूरे हौसले से अपने रास्ते चलो, मंजिल करीब ही मिलेगी। अगर आप में कांफीडैंस है तो आप किसी भी टास्क को पूरा सकते हो और तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकते हो।


मीनू कपूर, लुधियाना।
छाया : सुखविंदर।

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