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'जब मजबूरी में Jaya को तोड़नी पड़ी अपनी ही दी कसम नहीं तो बर्बाद हो जाता Amitabh का सबकुछ'

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 29 Apr, 2022 02:18 PM
'जब मजबूरी में Jaya को तोड़नी पड़ी अपनी ही दी कसम नहीं तो बर्बाद हो जाता Amitabh का सबकुछ'

बॉलीवुड एक्ट्रेस जया बच्चन किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। फिल्मों के साथ साथ उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी भी काफी स्ट्रांग रखी है लेकिन ऐसा नहीं कि इस बीच वो अपने परिवार की जिम्मेदारी से चूक गई हो। बच्चे और परिवार संभालने के लिए ही जया ने फिल्मों से लंबा ब्रेक ले लिया था। वह अपने गुस्सैल स्वभाव के लिए भी फेमस लेकिन जया अपनी कुछ अच्छी आदतों के लिए भी जानी जाती हैं।  चलिए आपको जया बच्चन की जिंदगी की कुछ खास बातें बताते हैं। 

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बंगाल में जन्मी थी जया 

9 अप्रैल 1948 को जबलपुर के एक बंगाली परिवार में जन्मी जया बच्‍चन का पूरा नाम जया भादुरी बच्चन है। जया की मां का नाम इंदिरा भादुरी और उनके पिता का नाम तरुण भादुरी था जो कि एक लेखक के साथ पत्रकार और स्‍टेज आर्टिस्ट भी थे। जया ने स्कूलिंग भोपाल के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की और 1966 में उन्हें NCC का राष्‍ट्रीय स्‍तर का पुरस्‍कार मिला। इसके बाद जया ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में एक्टिंग सीखी और गोल्ड मेडल के साथ पास हुई। फिल्मों में अपने दमदार प्रदर्शन के लिए उन्‍हें 9 बार फिल्‍म फेयर पुरस्‍कारों से नवाजा जा चुका है। साथ ही 1992 में पद्मश्री से सम्मानित हो चुकीं जया 3 बार IIFA अवार्ड से भी सम्‍मानित हो चुकी हैं। 

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शर्मिला टैगोर की वजह से मिला था फिल्मी करियर

महज 15 साल की उम्र में ही वह अभिनय की दुनिया में आ गई थी और एक बंगाली फिल्म महानगर में नजर आईं थी और वो मौका उन्हें शर्मिला टैगोर की वजह से मिला था। दरअसल जया बच्चन एक बार एक फिल्म की शूटिंग देखने गईं थी जिसकी शर्मिला टैगोर मुख्य अभिनेत्री थीं। शर्मिला टैगोर ने ही जया को देखा था और शर्मिला ही वो इंसान थी जिन्होंने सत्यजीत रे के सामने जया के लिए किरदार की मांग की थी। उन दिनों सत्यजीत रे फिल्म महानगर के लिए किसी नये चेहरे की तलाश में थे और इसी कारण यह रोल जया को मिल गया। इसके बाद वो जल्द ही मुंबई आ गई। साल 1971 में उनके हाथ फिल्म गुड्डी लगी जिसमें जया के साथ धर्मेन्द्र नजर आए थे। यह फिल्म जया के करियर के लिए लैंडमार्क साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद जया के करियर ने उड़ान भरना शुरू कर दिया था और एक के बाद एक कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। जहां उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया जिसमें गुड्डी, जवानी दीवानी, उपहार, अनामिका, अभिमान, शोले, बावर्ची, चुपके चुपके और जंजीर जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्‍में शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने कई बड़े अभिनेताओं संग काम किया जिसमे अमिताभ बच्चन भी शामिल थे और यही वो वक़्त था जब दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब आये थे।

 

सिलसिला (1981) में अपने पति अमिताभ के साथ काम करने के बाद वह लम्‍बे समय के ब्रेक पर चली गईं। शादी के बाद वह ब्रेक पर गई क्योंकि वह अपने बच्चों को समय देना चाहती थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'उनकी छोटी सी बेटी श्वेता ने कहा कि ‘मम्मी आप घर पर हमारे साथ क्यों नहीं रहती? काम सिर्फ पापा को करने दीजिए।’ श्वेता के मुंह से ये बात सुनकर जया अंदर तक हिल गई और फिर उन्होंने निर्णय लिया कि वह अब फिल्मों में काम नही करेंगी। 

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अपनी ही दी हुई कसम तोड़नी पड़ी थी जया को 

इसी बीच अमिताभ और रेखा की नजदीकियों से जया काफी नाराज और परेशान हो गई थी इसीलिए तो रेखा को घर बुलाकर जया ने कहा कि चाहे जो भी हो वह अमित को कभी नहीं छोड़ेगी। वहीं अमिताभ को भी जया ने बच्चों का वास्ता दिय़ा था कि वह रेखा के साथ काम नहीं करेंगे और कसद दी थी कि अगर वह ऐसा करेंगे तो वह भी बॉलीवुड में वापसी कर लेंगी। अमिताभ ने जया की कसम मानी और रेखा के साथ फिल्में करना बंद कर दिया लेकिन ये कसम जया को तोड़नी पड़ी जब रेखा के साथ काम बंद करने के बाद उनकी लगातार कई फिल्में फ्लॉप हो गई थी। बिग बी की राम बलराम, दो और दो पांच, दोस्ताना ये फिल्में फ्लॉप हो गई। करियर का ग्राफ गिरने लगा इसी बीच मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा ने फिल्म सिलसिला बनाने का फैसला किया। फिल्म की कहानी ट्रेंगल लव एंगल पर थी। 

 

फिल्म को रियल बनाने के लिए यश चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन को लेने की बात रखी लेकिन पहले वह नहीं माने लेकिन बाद में हामी भर देते हैं। यश ने जया बच्चन से बात की और फिल्म की कहानी सुनाई और जया फिल्म करने से मना कर देती हैं और जब यश ने एंड बताया कि पति अपनी पत्नी के पास लौट आता हैं तो जया खुश हो जाती हैं और फिल्म करने के लिए हामी भर देती हैं। यश चोपड़ा यहां जया को साफ कर देते हैं कि वह प्रेमिका के रोल के लिए रेखा को अप्रोच कर रहे हैं। फिल्म में रेखा और अमिताभ के रोमांटिक सीन भी है। जया ये सब जानने के बाद फिल्म को करने के लिए हामी भर देती हैं और अपनी ही कसम को तोड़ देती हैं। 

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लोग इस फिल्म को देखने के लिए बेताब थे जो कि जया-अमिताभ -रेखा की असल जिंदगी से प्रेरित फिल्म थी हालांकि अमिताभ और रेखा की यह आखिरी फिल्म रही, और यह अमिताभ बच्चन की जया बच्चन के साथ भी आखिरी फिल्म थी उसके बाद लंबा ब्रेक लिया लेकिन 20 साल बाद वह फिर करण जौहर की फिल्म कभी खुशी कभी ग़म में एक साथ दिए।

 

जया बच्चन अपने एक दोस्त के काफी करीब हैं जिन्हें वह अपने मन की सभी बातें शेयर करती हैं वो कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड के फेमस खलनायक डैनी डेंगजोंग्पा है। डैनी जिनका असली नाम शेरिंग फिंटसो डेंगजोंग्पा है लेकिन उनका नाम बदलकर डैनी जया ने ही रखा था। दरअसल, उनका नाम बोलने में काफी मुश्किल था । शुरूआती दिनों में डैनी काफ संघर्ष कर रहे थे।  उस वक्त डैनी को बीआर इशारा ने अपनी फिल्म जरूरत में कास्ट किया। इसी दौरान जया बच्चन ने भी डैनी की मदद की और गुलजार से कह कर फिल्म मेरे अपने में काम दिलवाया हालांकि उन्होंने  उन्हें बी.आर. चोपड़ा की फिल्म धुँध (1973) से सफलता मिली थी। 

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बेटी श्वेता ने किया था खुलासा 

इसी के साथ जया बच्चन अपनी गुस्सैल स्वभाव के लिए भी काफी फेमस हैं। दरअसल वह एक बीमारी से जूझ रही हैं जिसका खुलासा बेटी श्वेता बच्चन नंदा और बेटे अभिषेक बच्चन ने एक चैट शो में किया था कि उनकी मां क्लॉस्ट्रोफोबिक (claustrophobic) नाम की बीमारी से लड़ रही हैं। यह एक ऐसी मानसिक बीमारी है जिसमें इंसान अचानक भीड़ को देखकर परेशान हो जाता है। कई बार गुस्सा भी आ जाता है।

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अब तो आप समझ गए होंगे कि जया बच्चन को गुस्सा क्यों आ जाता है। आपको हमारा यह पैकेज कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें। 

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