नारी डेस्क: हममें से ज़्यादातर लोग मानते हैं कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का कारण केवल वॉशरूम की गंदगी या टॉयलेट हाइजीन होती है। लेकिन हाल ही में आई एक स्टडी ने चौंकाने वाला सच बताया है करीब 20% यानी हर 5 में से 1 UTI का संबंध खराब किचन हाइजीन से होता है।
क्या कहती है रिसर्च?
अध्ययन में पाया गया कि किचन में इस्तेमाल होने वाले सिंक, स्पंज, चॉपिंग बोर्ड और अनक्लीन बर्तनों में ई.कोलाई (E. coli) जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाते हैं। यही बैक्टीरिया शरीर में जाकर UTI का कारण बन सकते हैं। जब आप कच्चा मांस, चिकन या सब्जियां धोते हैं, तो उनका पानी या छींटे सिंक, स्पंज या काउंटरटॉप पर बैक्टीरिया फैला देते हैं। अगर वही स्पंज या कपड़ा आप बर्तन या हाथ पोंछने में इस्तेमाल करते हैं, तो संक्रमण फैल सकता है। यह बैक्टीरिया हाथों के ज़रिए शरीर में प्रवेश करके मूत्र संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) क्या है?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) एक आम संक्रमण है जो मूत्र तंत्र (Urinary System) के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है जैसे किडनी, ब्लैडर (मूत्राशय), यूरेथ्रा (मूत्र नली) या यूरेटर्स (मूत्र वाहिकाएं)। सरल शब्दों में कहें तो- जब बैक्टीरिया (ज़्यादातर E. coli) मूत्र मार्ग में प्रवेश करके बढ़ने लगते हैं, तो उसे UTI या पेशाब का संक्रमण कहा जाता है। UTI आमतौर पर एंटीबायोटिक्स से ठीक हो जाता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है। अगर संक्रमण बार-बार हो रहा हो, तो पानी की मात्रा बढ़ाएं और डॉक्टर से कारण की जांच करवाएं।
संक्रमण से बचाव के उपाय:
-किचन स्पंज या कपड़ा हर 2-3 दिन में बदलें।
-कच्चे मांस और सब्जियों के लिए अलग-अलग चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करें।
-किचन सिंक और स्लैब को रोज़ डिसइंफेक्ट करें।
-खाना बनाने या खाने से पहले हाथों को साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
-बचे हुए भोजन को सही तापमान पर स्टोर करें, ताकि बैक्टीरिया न पनपें।
UTI केवल टॉयलेट हाइजीन की वजह से नहीं होता, रसोई की सफाई भी उतनी ही ज़रूरी है। “स्वच्छ किचन, स्वस्थ शरीर” यह सिर्फ़ एक कहावत नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सच है।