एक समय में फैशन इंडस्ट्री को पुरुष प्रधान माना जाता है। लेकिन अब बदलाव देखने को मिल रहा है, डिजाइनिंग के क्षेत्र में महिलाओं का भी दबदबा है। Anita Dongre, Anamika Khanna और Anaita Shroff Adajania जैसे नाम तो फैशन इंडस्ट्री में अब आए हैं, लेकिन इसकी शुरुआत बहुत पहले हो गई थी रितु कुमार से। 1960 के दशक में उन्होंने कोलकाता में 4 हैण्ड प्रिंटर्स और 2 ब्लाक्स से कपड़े डिजाइन करने का बिजनेस शुरु किया और आज विदेशों में भी उनके नाम का सिक्का चलता है। फैशन के जगत में उनके योगदान को देखते हुए इंडिया फैशन अवार्ड्स ने 26 फरवरी को उन्हें "लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड" से सम्मानित किया। मिनिस्टर ऑफ कॉमर्स, Consumer Affairs and Textiles पीयूष गोयल ने उन्हें ये अवॉर्ड दिया। आपको बता दें यहां तक का सफर रितु कुमार का आसान नहीं था।
अमृतसर की रहने वाली है रितु
रितु कुमार का जन्म अमृतसर में 11 नवंबर 1944 को हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की है और फिर उच्च शिक्षा के लिए वह अमेरिका चली गई।
महज 50 हजार से शुरु किया था बिजनेस
आज भले ही रितु करोड़ों की मालकिन है और विदेशों में भी उनके स्टोर हैं पर एक समय में महज 50 हजार में एक छोटे से कमरे से उन्होंने बिजनेस शुरू किया था। उन्होंने ही रानीहाट की कशीदाकारी की खोज की, जिसे आजकल जरदोजी के नाम से जाना जाता है। रितु की साड़ियों के बाजार में आते ही महिलाओं ने इसे हाथों-हाथ खरीद ली थीं। रीतु ही हैं जिन्होनें मल्टीकलर कढ़ाई और प्रिंट्स की खोज की थी। उस समय उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनको इस काम में इतनी कामयाबी मिलेगी। उन्होंने भारतीय संस्कृति के फैशन को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई है।
रितु ने खोला था देश में पहला बुटीक
रितु कुमार ही वो पहली महिला हैं, जिन्होंने देश में बुटीक कल्चर की शुरुआत की थी। उन्होंने 'रितु कुमार' के नाम से अपना बुटीक खोला। भारत के बाद लंदन, न्यूयॉर्क और पेरिस में भी उन्होनें अपनी कई ब्रांच खोली। इसलिए अगर आज आपको गली-गली में बुटीक देखने को मिलते हैं तो इसका पूरा श्रेय इन्हें ही जाता है।
बड़ी एक्ट्रेस भी कर चुकीं है रितु के लिए रैंपवॉक
रितु के आउटफिट्स का जलवा कई फैशन शो में दिखा चुकी हैं। अदिति राव हैदरी, निमरत कौर, दिव्या खोसला, तापसी पन्नू, और कृति सैनन जैसी एक्ट्रेस उनके लिए रैंप वॉक कर चुकी हैं।