नारी डेस्क: माँ बनना दुनिया के सबसे खूबसूरत एहसासों में से एक है, लेकिन पहली बार माताओं के लिए यह यात्रा चुनौतीपूर्ण भी हो सकती है। इस नयी भूमिका की शुरुआत में कई महिलाएं दूध न आने या पर्याप्त दूध न होने की समस्याओं का सामना करती हैं, जिससे वे अपने शिशु को सही तरीके से ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कर पातीं। यह स्थिति चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन इसके विभिन्न संभावित कारण होते हैं जिन्हें समझना महत्वपूर्ण है। आज से ब्रैस्ट फीडिंग वीक शुरू हो रहा है, ऐसे में आइए जानते हैं ब्रेस्ट मिल्क न आने के संभावित कारण क्या हो सकते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क ना आने के कारण
ब्रेस्टफीड कराने में देरी
डिलीवरी के बाद के दो दिनों के भीतर शिशु को ब्रेस्टफीड न कराने से दूध बनने की प्रक्रिया कम हो जाती है और इससे आउटपुट कम हो जाता है।
ग्लैंड्यूलर टिश्यू की कमी
यह समस्या पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में ज्यादा आती हैं, क्योंकि मिल्क डक्ट पूरी तरह बने नहीं होते हैं, जिससे दूध कम बनता है। डॉक्टर का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए बेबी को सक करने दें, ज्यादा सक करने से ज्यादा दूध बनेगा।
गलत खानपान
डॉक्टर्स का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को कैफीन, असंतुलित भोजन, स्मोकिंग जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। अगर वे गर्भावस्था में इन चीजों का सेवन करती हैं, तो इससे उनके ब्रेस्ट मिल्क पर असर पड़ सकता है।
पानी की कमी
कई बार पानी की कमी की वजह से भी दूध नहीं बन पाता है। इसलिए गर्भावस्था में ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए इससे शरीर हाइड्रेट रहेगा और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट भी बढ़ेंगे जो ज्यादा दूध निर्माण में आपकी मदद करेगा।
स्ट्रेस
डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट मिल्क ना होने का कारण स्ट्रेस भी हो सकता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेस ना लें।
इन्फेक्शन
जिन महिलाओं को किसी तरह का इन्फेक्शन हो जाए या ब्रेस्ट में मवाद हो जाने पर मां ब्रेस्टफीड नहीं करा पातीं। अंदर की ओर धंसी निप्पल या क्रैक निप्पल होने के कारण भी ये परेशानी आती है।
हार्मोन असंतुलित
डिलीवरी के दौरान शरीर का हार्मोन असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण ब्रेस्ट मिल्क पर भी इसका असर पड़ता है। थायराइड होने पर भी शरीर का हार्मोंस असंतुलित रहता है। इस वजह से भी महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क नहीं बन पाता है।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए खाएं ये चीजें
जीरा पंजीरी
एक्सपर्ट्स की मानें तो नई बनी मांओं के लिए जीरा पंजीरी बहुत ही लाभकारी मानी जाती है इसलिए डिलीवरी के 5-6 दिनों बाद जीरा पंजीरी पीने की सलाह भी दी जाती है।
भूने हुए तिल
भून हुए तिलों के साथ सौंफ खाने से भी दूध का सेवन बढ़ने लगता है। ऐसे में आप इसे भी आप अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
खुबानी
खुबानी कई पोषक तत्व और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले बायोएक्टिव यौगिक प्रदान करती है। इसे खाने से ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है।
मेथी के बीज
मेथी के बीजों का दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए काफी लंबे समय तक प्रयोग किया जा रहा है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की मात्रा भी अधिक होती है, जो बच्चे के दिमाग के विकास के लिए काफी अच्छे होते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक, केल और मेथी जैसी हरी और पत्तेदार सब्जियों के सेवन से आपको बहुत से पोषण मिलते हैं – जैसे आयरन, कैल्शियम और फोलेट। इनमें बहुत अधिक विटामिन्स होते हैं। जिस कारण आपके दूध की सप्लाई भी बढ़ती है।