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दिन की बजाए रात को ही क्यों ज्यादा बिगड़ती है तबीयत?

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 07 Jan, 2025 06:52 PM
दिन की बजाए रात को ही क्यों ज्यादा बिगड़ती है तबीयत?

नारी डेस्कः हम सभी कभी ना कभी तो बीमार हो ही जाते हैं। कभी इंफेक्शन तो कभी बदलते मौसम के चलते सिरदर्द,बुखार,जुकाम जैसी समस्या हो ही जाती है। वैसे तो कोई भी शख्स किसी भी उम्र में बीमार पड़ सकता है लेकिन क्या आपने भी कभी नोटिस किया कि लोग दिन की बजाए रात को ज्यादा बीमार पड़ते हैं। अक्सर लोगों की सेहत दिन की बजाए रात को बिगड़ती है और अगर तबीयत दिन में खराब हो गई तो रात में इसके लक्षण ज्यादा दिखते हैं। क्या सच में ऐसा ही होता है या यह सिर्फ वहम (भ्रम) है? अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते तो चलिए आपको इसके पीछे का मेडिकल कारण बताते हैं। 

एक्सपर्ट की मानें तो बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि तबीयत दिन की बजाए रात को खराब होती है। इसके पीछे मेडिकल कारण हैं।

दरअसल, शरीर की नेचुरल कार्डिएक रिदम इसमें अहम रोल प्ले करती है। बॉडी की बायोलॉजिकल क्लॉक कई प्रोसेस को रेगुलेट करती है जिसमें हार्मोन रिलीज, टेम्परेचर कंट्रोल और इम्यून रिस्पॉन्स सब शामिल हैं। रात में डाइजेशन और सर्कुलेशन सहित शरीर के कुछ फंक्शन स्लो हो जाते हैं क्योंकि उस समय शरीर आराम कर रहा होता है।  इसी के चलते सांस और जोड़ों के दर्द की दिक्कत भी बढ़ सकती है। 

रात में, शरीर के कुछ फंक्शन जैसे डाइजेशन और सर्कुलेशन धीमे हो जाते हैं क्योंकि शरीर आराम कर रहा होता है। इसी वजह से रात के समय तबीयत अधिक बिगड़ सकती है। इसकी वजह से सांस से जुड़ी दिक्कतें और जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है।
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बहुत से लोग ऐसे भी है जिन्हें दमे की शिकायत रात में ज्यादा हो जाती है। ऐसा शरीर में कोर्टिसोल लेवल में बदलाव होने के कारण होता है। यह लेवल रात के समय कम हो जाता जिसके चलते शरीर की इंफ्लेमेशन से लड़ने की ताकत कम हो जाती है।

जब हम रात को लेटते हैं तो लेटने की वजह से एसिड रिफ्लक्स और नाक से जुड़ी दिक्कतें बढ़ जाती है क्योंकि लेटने की पोजिशन के चलते ग्रेविटी, म्यूकस के बाहर निकलने और पेट के एसिड के मूव करने में सपोर्ट नहीं करती है।
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रात के समय ही स्ट्रेस और एंग्जायटी अधिक हो जाती है जिसके कारण कई बार दर्द और डिस्कम्फर्ट बढ़ जाता है। 

रात में इम्यून सिस्टम ज़्यादा एक्टिव हो जाता है, जिससे शरीर को इंफ़ेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है हालांकि, इस प्रोसेस की वजह से इंफ़्लेमेशन और बुखार भी हो सकता है।

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे सेक्स हार्मोन रात में गिर जाते हैं, जिससे जलन या चिंता हो सकती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जो मासिक धर्म और गर्भावस्था जैसी कई प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं। दिन के दौरान चरम पर हो सकते हैं लेकिन इनका स्तर, रात के दौरान गिर सकता है। जब रात में हार्मोन का स्तर गिरता है तो वे जलन या चिंता की भावनाओं का परिणाम हो सकते हैं।

अब तो आप जान गए होंगे कि रात के समय ही ज्यादा तबीयत क्यों खराब होती है। अगर आपको लगे कि आपकी तबीयत ज्यादा खराब हो रही है तो लापरवाही बरतने की बजाए तुरंत डाक्टरी सलाह लें। 


 

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