![‘संजीवनी' से संसद तक का शानदार सफर रहा है 'महारानी' परनीत कौर का](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2024_6image_11_51_337934061pp2800-ll.jpg)
दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए गैर सरकारी संगठन ‘संजीवनी'' चलाने वाली परनीत कौर पटियाला लोकसभा क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व करने के बावजूद इस बार अपनी पारंपरिक सीट नहीं बचा पायीं। पटियाला संसदीय सीट के लिए मंगलवार को घोषित परिणाम में परनीत दो लाख 88 हजार से अधिक मतों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
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राजनीति में आने से पहले चलाती थी NGO
राजनीति में आने से पहले परनीत कौर ने पटियाला में संजीवनी नामक संस्था की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली इस संस्था से वह सक्रियता से जुड़ी हुई हैं। राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली परनीत कौर ने 1999 में पंजाब के पटियाला लोकसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ कर संसद के निचले सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी थी। इसके बाद उन्होंने 2004 एवं 2009 के आम चुनाव में भी इसी सीट पर सफलता हासिल की। हालांकि 2014 में उन्हें आम आदमी पार्टी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा । लेकिन, इस हार से उनका मनोबल कमजोर नहीं पड़ा और 2019 के आम चुनाव में पटियाला से उन्होंने फिर जीत दर्ज की।
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हर बार परनीत कौर को मिली जीत
परनीत कौर ने जब 2009 में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की तो केंद्र में लगातार दूसरी बार बनी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने उन्हें विदेश राज्य मंत्री बनाया। उनके राजनीतिक सफर में उनके पति और पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रभाव की झलक साफ दिखती है। कांग्रेस से खटपट के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब पार्टी छोड़ कर नयी पार्टी का गठन किया तब भी परनीत कौर कांग्रेस में बनी रही। इसके बाद से ही उन्होंने पार्टी गतिविधियों से दूरी बना ली थी। कैप्टन सिंह ने बाद में अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया। फरवरी 2023 में कांग्रेस ने कौर को निलंबित कर दिया था। इसके करीब एक साल बाद उन्होंने इस वर्ष मार्च में भाजपा का दामन थाम लिया ।
1964 में हुआ कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाह
परनीत कौर का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक काहलों ‘जट सिख' परिवार में हुआ था। परनीत भारतीय सिविल सेवा के एक अधिकारी सरदार ज्ञान सिंह काहलों और सतिंदर कौर की बेटी हैं। ज्ञान सिंह ने 1937 में भारतीय सिविल सेवा में प्रवेश किया, जब किसी भारतीय के लिए उस विशिष्ट प्रशासनिक सेवा में प्रवेश पाना अत्यंत दुर्लभ था। परनीत ने सेंट बेड्स कॉलेज, शिमला में पढ़ाई की और द कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, शिमला से स्नातक की उपाधि प्राप्त की । अक्टूबर 1964 में परनीत कौर का विवाह कैप्टन अमरिंदर सिंह से हुआ । यह विवाह भारतीय परंपरा के अनुसार माता-पिता द्वारा तय किया गया था।
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पटियाला की महारानी है परनीत कौर
परनीत के पति कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला के महाराजा के पुत्र और उत्तराधिकारी थे । पटियाला पंजाब की सबसे बड़ी रियासत थी। अमरिंदर सिंह, शादी के समय भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, अपने पिता के बाद 1974 में पटियाला रियासत के महाराजा बने और परनीत महारानी बनी । परनीत और अमरिंदर के दो बच्चे हैं, बेटा रणइंदर सिंह जबकि बेटी जय इंदर कौर है। परनीत के एक भाई हिम्मत सिंह कहलों हैं, जो संयुक्त राष्ट्र में काम करते हैं और एक बहन गीतिंदर कौर हैं, जिनकी शादी शिअद (अमृतसर) के सुप्रीमो एवं भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी सिमरनजीत सिंह मान से हुई है ।