कश्मीर की डल झील और जबरवान पहाड़ियों के बीच महकता एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप उद्यान ‘इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन' रविवार को जनता के लिए खोल दिया गया है। इस साल बगीचे में लगभग 68 किस्मों के ट्यूलिप महकेंगे। बगीचे के प्रभारी इनाम-उल-रहमान ने कहा कि विभिन्न रंगों के 15 लाख ट्यूलिप के अलावा, उद्यान में वसंती मौसम के अन्य फूल भी हैं, जैसे अंगूर जलकुंभी, नरगिस, मस्करी और साइक्लेमेन।
उद्यान को ‘सिराज बाग' के नाम से भी जाना जाता है। हर साल हम इस उद्यान का विस्तार होता है और यहां नई किस्मों को प्रदर्शित किया जाता है। इस साल “फाउंटेन चैनल' का विस्तार किया है। कहा जाता है कि जब बगीचा पूरी तरह से खिल जाएगा, तो यह ट्यूलिप से बने इंद्रधनुष की तरह लगेगा। बागवानी विभाग ट्यूलिप को चरणबद्ध तरीके से लगाता है ताकि फूल एक महीने या उससे अधिक समय तक बगीचे में रहें।
उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले साल उद्यान में 3.60 लाख लोग आए थे, जो कि खोले जाने के बाद से सबसे ज्यादा है। सिन्हा ने उम्मीद जताई कि इस साल पर्यटकों की संख्या पिछले साल की संख्या से अधिक होगी। बता दें कि जम्मू क्षेत्र के सनासर इलाके में अप्रैल में एक नया ट्यूलिप गार्डन खोला जाएगा, जिसमें 25 किस्मों के 2.75 लाख ट्यूलिप खिलेंगे।
इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन 2007 में श्रीनगर की डल झील के किनारे बना था। 90 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला ये गार्डन देखने में इतना सुंदर है कि यहां बार-बार आने का मन करेगा। इसकी खासियत यह है कि यहां पर ट्यूलिप की 70 से ज्यादा किस्में देखने को मिलती है। फूलों के मौसम समारोह में इस बगीचे में लगभग 13 लाख ट्यूलिप बल्ब एक साथ देखने में बेहद ही खूबसूरत नजर आते है।
इस बाग को और भी आकर्षित दिखाने के लिए डैफोडिल्स, हाइकैन्थस, नार्सिसस और अन्य सजावटी पौधे लगाए गए है। इसके साथ ही ऊपर की तरफ से बहता पानी का झरना इस गार्डन की सुंदरता बढ़ाने का काम करता है।
अगर आप इस गार्डन में घूमना चाहते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि इस उद्यान को पूरे साल नहीं खोला जाता। इसे 1 महीने के लिए ही खोला जाएगा, तो इस हिसाब से आपको इस खूबसूरती को देखने के लिए जल्द से जल्द प्लानिंग कर लेनी चाहिए। इसे आप सुबह 7 बजे से शाम के 7:30 बजे के बीच कभी भी देख सकते हैं।