16 JANTHURSDAY2025 12:22:58 PM
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प्रेग्नेंसी में इस तेल से नहीं करनी चाहिए मालिश, फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 16 Jan, 2025 09:27 AM
प्रेग्नेंसी में इस तेल से नहीं करनी चाहिए मालिश, फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान

नारी डेस्क: प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का एक खास और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान महिला को अपनी सेहत और देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रेग्नेंसी में मालिश एक प्राचीन परंपरा है, जो न केवल शरीर को आराम देती है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि हर तेल प्रेग्नेंसी में मालिश के लिए सुरक्षित नहीं होता? कुछ तेल ऐसे होते हैं जो फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं कौन-से तेल से प्रेग्नेंसी में बचना चाहिए और क्यों।

प्रेग्नेंसी में मालिश का महत्व

मालिश प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर के तनाव को कम करने का एक बेहतरीन तरीका है। यह न केवल मांसपेशियों को आराम देती है, बल्कि रक्त प्रवाह को भी सुधारती है। साथ ही, यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है और पीठ दर्द, पैरों की सूजन और अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। लेकिन यह जरूरी है कि मालिश के लिए सही तेल का चयन किया जाए। गलत तेल का इस्तेमाल आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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इन तेलों का प्रेग्नेंसी में इस्तेमाल करने से बचें

1. एसेंशियल ऑयल्स (Essential Oils)

एसेंशियल ऑयल्स, जैसे रोज़मेरी, थाइम, और पेपरमिंट ऑयल, प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित नहीं माने जाते। ये तेल बहुत अधिक सांद्र (concentrated) होते हैं और सीधे त्वचा पर लगाने पर हानिकारक हो सकते हैं।

नुकसान: एसेंशियल ऑयल्स का अत्यधिक उपयोग गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जिससे गर्भपात या प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, ये तेल त्वचा में जलन या एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इन तेलों की गंध भी कई बार मतली या सिरदर्द का कारण बन सकती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी में इनका उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

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2. कैस्टर ऑयल (Castor Oil)

कैस्टर ऑयल का उपयोग आमतौर पर बालों और त्वचा की देखभाल के लिए किया जाता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान इसका इस्तेमाल मालिश के लिए नहीं करना चाहिए।

नुकसान: कैस्टर ऑयल गर्भाशय की संकुचन प्रक्रिया को तेज कर सकता है, जो समय से पहले डिलीवरी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह तेल पेट में ऐंठन और असहजता पैदा कर सकता है। कैस्टर ऑयल के लगातार उपयोग से पाचन तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इस तेल से प्रेग्नेंसी के दौरान दूरी बनाकर रखें।

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3. सैंडलवुड ऑयल (Sandalwood Oil)

सैंडलवुड ऑयल आमतौर पर अपनी खुशबू और त्वचा को ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है, लेकिन प्रेग्नेंसी में इसका इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है।

नुकसान: सैंडलवुड ऑयल का उपयोग रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है। इससे कुछ मामलों में त्वचा पर जलन और एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा, सैंडलवुड ऑयल की तेज खुशबू से सिरदर्द या चक्कर आने की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान इन समस्याओं से बचने के लिए इस तेल से दूरी बनाएं।

4. अजवाइन का तेल (Ajwain Oil)

अजवाइन का तेल स्वास्थ्य के लिए कई फायदे देता है, लेकिन प्रेग्नेंसी में इसे इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

नुकसान: अजवाइन का तेल गर्भाशय की मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकता है, जिससे गर्भपात का खतरा हो सकता है। इसका अत्यधिक उपयोग पेट में गैस, जलन और एसिडिटी की समस्या को भी बढ़ा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान यह तेल आपके और बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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5. मेंथॉल और कपूर युक्त तेल

मेंथॉल और कपूर युक्त तेल, जैसे विक्स या बाम में इस्तेमाल होने वाले तेल, प्रेग्नेंसी के दौरान खतरनाक हो सकते हैं।

नुकसान: मेंथॉल और कपूर युक्त तेल गर्भवती महिला के रक्तचाप को प्रभावित कर सकते हैं। यह तेल त्वचा पर जलन और खुजली का कारण बन सकते हैं। इन तेलों की तीव्र गंध से सांस लेने में दिक्कत और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इनका इस्तेमाल पूरी तरह से टालें।

सुरक्षित तेल जो प्रेग्नेंसी में किए जा सकते हैं इस्तेमाल

हालांकि कुछ तेल हानिकारक हो सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे तेल भी हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित और लाभकारी माने जाते हैं। इन तेलों में शामिल हैं:

नारियल तेल (Coconut Oil) 

नारियल तेल त्वचा को गहराई से नमी प्रदान करता है और खिंचाव के निशानों (stretch marks) को कम करने में मदद करता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखते हैं। यह तेल त्वचा में जलन को कम करने और उसे नरम बनाए रखने में भी सहायक है।

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 जैतून का तेल (Olive Oil) 

जैतून का तेल प्रेग्नेंसी के दौरान मांसपेशियों को आराम देने और त्वचा को पोषण प्रदान करने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन ई और एंटीऑक्सिडेंट त्वचा की लोच को बढ़ाते हैं और खिंचाव के निशानों को कम करने में मददगार होते हैं। यह तेल बेहद हल्का होता है और आसानी से त्वचा में समा जाता है।

आलमंड ऑयल (Almond Oil) 

आलमंड ऑयल विटामिन ई से भरपूर होता है, जो त्वचा को गहराई से पोषण देता है और उसे मुलायम बनाता है। यह खिंचाव के निशानों को कम करने और त्वचा की लोच को बढ़ाने में मदद करता है। इसके नियमित उपयोग से त्वचा पर चमक भी आती है।

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आर्गन ऑयल (Argan Oil) 

आर्गन ऑयल एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन ई से भरपूर होता है, जो त्वचा को मुलायम और हाइड्रेटेड बनाए रखता है। यह तेल खिंचाव के निशानों को कम करने और त्वचा को प्राकृतिक चमक देने में मदद करता है। साथ ही, यह त्वचा पर किसी भी प्रकार की जलन या खुजली को कम करता है।

मालिश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

मालिश हमेशा किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से ही करवाएं।

तेल को त्वचा पर लगाने से पहले एक पैच टेस्ट करें।

पेट और गर्भाशय के आसपास हल्के हाथों से मालिश करें। अधिक दबाव न डालें।

मालिश के लिए केवल प्राकृतिक और शुद्ध तेलों का ही इस्तेमाल करें।

किसी भी प्रकार की असहजता होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

प्रेग्नेंसी के दौरान मालिश न केवल शारीरिक आराम देती है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करती है। लेकिन इस दौरान तेल के चयन में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। एसेंशियल ऑयल्स, कैस्टर ऑयल, और अन्य उत्तेजक तेलों से बचना चाहिए, क्योंकि ये गर्भवती महिला और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं। हमेशा सुरक्षित और प्राकृतिक तेलों का ही इस्तेमाल करें और डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें। आपकी और आपके बच्चे की सेहत सबसे पहले है, इसलिए कोई भी कदम सोच-समझकर उठाएं।

 

 
 
 

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