हिंदू धर्म में शुभ तिथियों का विशेष महत्व है। वहीं हर महीने शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत पड़ता है। यह शुभ दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा करने व व्रत रखने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पूजा व व्रत करने से जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली का वास होता है। मार्गशीर्ष माह का प्रदोष व्रत आज यानि 16 दिसंबर को पड़ रहा है। आज गुरुवार होने से यह शुभ दिन गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा।
गुरु प्रदोष व्रत
मान्यता है कि गुरु प्रदोष व्रत करने से शिव जी के साथ भगवान विष्णु जी की भी कृपा मिलती है। इससे कुंडली में गुरू दोष दूर होता है।
ऐसे करें पूजा
. शिवलिंग का बेलपत्र चढ़ाकर जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है।
. जल में गुड़ मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से रोगों से छुटकारा मिलता है।
इसके साथ ही पूजा के बाद भगवान शिव के विशेष मंत्रों का जाप करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं भगवान शिव के प्रिय मंत्रों के बारे में...
. ऊँ नमः शिवाय।
. नमो नीलकण्ठाय।
. ऊँ पार्वतीपतये नमः।
. ऊँ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
. ऊँ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
. महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
. भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र
ओम साधो जातये नम:।।
ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।।
ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।।
ऊँ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
. रुद्र गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥