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जन्माष्टमी पर तुलसी माता को लेकर न करें ये गलती, वरना भगवान कृष्ण कभी नहीं करेंगे माफ

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 Aug, 2025 09:21 AM
जन्माष्टमी पर तुलसी माता को लेकर न करें ये गलती, वरना भगवान कृष्ण कभी नहीं करेंगे माफ

नारी डेस्क:  जन्माष्टमी पर तुलसी का बहुत विशेष महत्व होता है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण और तुलसी का गहरा संबंध माना जाता है। मान्यता है कि बिना तुलसी के श्रीकृष्ण का पूजन अधूरा होता है। लेकिन इस पवित्र दिन कुछ गलतियां हैं जो तुलसी से जुड़ी करने पर पूजा का फल कम हो सकता है या नकारात्मक प्रभाव आ सकता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से

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तुलसी की पत्तियां रात में न तोड़ें

शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। जन्माष्टमी पर पूजा के लिए तुलसी पत्तियां एक दिन पहले या सुबह सूर्योदय से पहले तोड़ लें। भगवान को हमेशा ताज़ी, साफ और पूर्ण पत्तियां ही अर्पित करनी चाहिए। टूटी-फूटी या मुरझाई तुलसी भगवान को नहीं चढ़ानी चाहिए। तुलसी को हमेशा हाथ से ही तोड़ना चाहिए। नाखून या किसी धारदार चीज़ से तोड़ना अशुभ माना जाता है।


सूखी तुलसी का उपयोग न करें

पूजा में सूखी तुलसी डालना उचित नहीं है। तुलसी पत्ते हमेशा ताज़े और स्वच्छ होने चाहिए। तुलसी माता का अपमान होता है यदि गलती से भी पैर तुलसी पर लग जाए। जन्माष्टमी जैसे दिन पर यह और भी अशुभ माना जाता है। तुलसी माता को जल चढ़ाना शुभ होता है। जन्माष्टमी पर तुलसी पर जल अर्पित करके दीपक जलाना अत्यंत पुण्यकारी है।

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तुलसी के बिना भोग अर्पित न करें

श्रीकृष्ण को जो भी भोग चढ़ाया जाए, उसमें तुलसी दल अवश्य होना चाहिए। बिना तुलसी के भोग अधूरा माना जाता है।  जन्माष्टमी पर तुलसी की पूजा और तुलसी दल का अर्पण भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा पाने का मार्ग है। बस ध्यान रखें कि पत्तियां ताज़ी, पूर्ण और आदरपूर्वक अर्पित हों।
 

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