ज्योतिष शास्त्र में हफ्ते का हर एक दिन किसी खास देवी-देवता को समर्पित है। सोमवार को भगवान शिव, मंगलवार को हनुमान जी, बुधवार को भगवान गणेश, गुरुवार वाले दिन भगवान विष्णु, शुक्रवार का दिन मां संतोषी, शनिवार को शनि देव और रविवार वाले दिन भगवान सूर्य की अराधना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। मगर शनिवार को यदि आप भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करते हैं तो शिव जी की अपार कृपा के भागीदार बनते हैं।
हनुमान जी ने की थी शिव की रक्षा
धार्मिक कथाओं के अनुसार रामायण काल में रावण ने राम जी के साथ शनि देव को भी एक बार बंधी बना लिया था। उस वक्त हनुमान जी ने शनि देव को रावण के कब्जे से मुक्त करवाया था। उस बात से खुश होकर शनि देव ने हनुमान जी को वर दिया था कि जो मनुष्य आपकी पूजा करेगा, उसे उसके द्वारा अनजाने में किए गए पाप से मुक्ति मिल जाएगी। उसे मेरे क्रोध का भागीदार नहीं बनना पड़ेगा।
हर मनोकामना होगी पूरी
पाप कर्मों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ शनि देव हनुमान जी के भक्त ही हर मनोकामना सबसे पहले पूरी करते हैं। खासतौर पर जो लोग शनिवार वाले दिन हनुमान जी की अराधना करते हैं, उनकी मन की हर इच्छा शनि देव जल्द पूरी कर देते हैं।
हनुमान चालीसा पढ़ें
मान्यता के अनुसार शनिवार वाले दिन यदि आप हनुमान चालीसा का पूरा पाठ करते हैं, तो शनि देव और हनुमान जी खुशी आपके ऊपर सदैव बनी रहती है। आपके और परिवार के ऊपर किसी भी तरह का दुख-दर्द असर नहीं करता। हनुमान चालीसा के साथ अगर आप सुंदरकांड का पाठ भी पढ़ लें तो आपके लिए फलदायी सिद्ध होगा।
शिव और शनि की शक्ति एक साथ
जीवन सुख और दुख दोनों का मेल है। दुखों के बिना जीवन का भी स्वाद नहीं। मगर जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव का सामना भी भगवान की दया के साथ ही किया जा सकता है। शनिवार वाले दिन हनुमान जी की आराधना करने से शनि और हनुमान जी दोनों की शक्ति व्यक्ति के अंदर वास करने लगती है। जिससे जीवन में आने वाले दुखों का सामना व्यक्ति पूरे हौंसले और विश्वास के साथ करता है और उन पर विजय प्राप्त करता है।