कोरोना वायरस से बचने के लिए देश भर में जांच-पड़ताल चल रही है। इसमें कोई शक नहीं कि अब लोग इस बीमारी से ठीक हो रहे हैं, मगर फिर भी तेजी से फैलती जा रही इस समस्या को लेकर दुनिया भर के डॉक्टर वैक्सीन ढूंढने में लगे हैं। मगर शायद आपने सुना होगा, जब कोई रास्ता दिखाई न दे तो भगवान ही हैं जो आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं। शायद इसी बात को ध्यान में रखकर उझी घाटी के लोगों ने एक फैंसला लिया है।
टिक-टॉक पर भी वीडियो हुई वायरल
टिक-टॉक और अन्य सोशल साइट्स पर तेजी से वायरल हो रही वीडियो शायद आप सब ने भी देखी होगी। असल में यह वीडियो ऊझी घाटी के लोगों की है, जो देवी हिडिंबा की पूजा अर्चना में विश्वास रखते हैं। इस वीडियो में आपने देखा होगा, कुछ लोग एक पालकी के इर्द-गिर्द खड़े हैं, और अपने ईष्ट को याद कर रहे हैं। एक दम से वह पालकी खुद हिलती है, और पास खड़े लोग उसे झट से उठाकर चल पड़ते हैं।
महामारी से बचने के लिए मां हिडिंबा की ली शरण
ऊझी घाटी के लोग कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए अब देवी हिडिंबा की शरण में जाने की सोच रहे हैं। उनके मुताबिक इस महामारी से बचने के लिए केवल देवी हिडिंबा ही उनका एक मात्र सहारा है। देवी हिडिंबा और मनु ऋषि के कारदार रघुवीर नेगी दी ने बताया कि 18 मार्च को वह सियाली महादेव, शांडिल्य ऋषि, वीरनाथ, शंख नारायण, मनु ऋषि, गौतम ऋषि, ब्यास ऋषि, गौशाली नाग, महर्षि जम्दग्नि, पराशर ऋषि, वशिष्ठ ऋषि, सृष्टि नारायण, फाहली नाग तथा कार्तिक स्वामी सहित घाटी के अन्य देवी-देवता देवी हिडिंबा के मूल स्थल ढुंगरी पहुंचेंगे और वहां जाकर मां से दुनिया भर के लोगों की सेहत से जुड़ी प्रार्थना करेंगे।
भीम की पत्नि थी हिडिंबा
ऊझी घाटी में स्थित इस मंदिर का निर्माण कुल्लू के राजा ओझा ने करवाया था। हिडिंबा का जिक्र महाभारत में भी किया गया है। हिडिंबा भीम की पत्नि थी। हिडिंबा मंदिर की खूबसूरती निहारने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं। वहीं उझी घाटी के लोग हिडिंबा को देवी के रुप में पूजते हैं। उनका मानना है कि जब-जब धरती पर कोई महामारी या परेशानी आई है, तो उसका हल केवल मां हिडिंबा के पास ही उन्हें मिला है।
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