एक माँ हमेशा अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित रहती हैं लेकिन इस प्रक्रिया में वे जो भूल जाती हैं, वह यह है कि गर्भावस्था के बाद ठीक होने के लिए उन्हें भी अपना ध्यान रखने की जरुरत है। एक बच्चे को जन्म देना मुश्किल काम है और एक नई माँ के शरीर को बहुत सारे आराम और देखभाल कि ज़रूरत होती है। प्रसवोत्तर मसाज (post natal) एक नई माँ के शरीर को वही आराम प्रदान करती है और आप रिकवर होते हो। आईए जानते हैं कि प्रसवोत्तर मसाज (post natal massage) से माँ के शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं।
बॉडी होती है रिलेक्स
प्रसवोत्तर मसाज से मांसपेशियों में तनाव कम होता है जिससे आप आराम महसूस करते हैं। वहीं मस्तिष्क से एंडोर्फिन रसायन रिलीज होता है जो फील-गुड हार्मोन हैं और एक नेचुरल पेन किलर के रूप में काम करता है।
स्तनपान में आता है सुधार
नियमित रूप से मसाज करने से मां के शरीर में ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है जिससे स्तनों में अधिक दूध आता है। यह शरीर कि ब्लॉक नलियों को खोलने में मदद करता है, जिससे स्तनों इन्फेक्शन और स्वेलिंग का खतरा कम होता है।
त्वचा में लाता है कसाव
डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर ढीला हो जाता है। ऐसे में तेल से मसाज करने पर शरीर में कसाव आ सकता है। इससे वे जल्दी फिट हो सकती हैं।
सूजन से राहत
कई मामलों में पाया गया है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं के पैरों में सूजन हो जाती है। ऐसे में मसाज करने से सूजन को कम किया जा सकता है।
अच्छी नींद
नींद न आने की समस्या डिलीवरी के बाद आम है। मसाज करने से शरीर को आराम मिलता है और तनाव कम होता है। चूंकि, तनाव और शारीरिक थकान के कारण अनिद्रा की समस्या हो सकती है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि मसाज अनिद्रा की समस्या को दूर करने में भी लाभदायक साबित हो सकता है।
अब आपको भी डिलीवरी के बाद मालिश के फायदे पता चल गए हैं तो अब डिलीवरी के बाद प्रसवोत्तर मसाज से ना घबराएं।