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‘ब्रेस्ट पकड़ना, पाजामे का नाड़ा तोड़ना रेप का प्रयास नहीं...’ कोर्ट के इस बयान पर मच गया बवाल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 20 Mar, 2025 02:49 PM
‘ब्रेस्ट पकड़ना, पाजामे का नाड़ा तोड़ना रेप का प्रयास नहीं...’ कोर्ट के इस बयान पर मच गया बवाल

नारी डेस्क: पीड़िता के स्तनों को पकड़ना और उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार या बलात्कार का प्रयास नहीं बल्कि गंभीर यौन हमला है, इलाहाबाद की अदालत ने एक नाबालिग लड़की के साथ कथित बलात्कार के यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) मामले में कहा। कोर्ट ने ये टिप्पणी कुछ साल पहले 11 साल की बच्ची के साथ हुई रेप की कोशिश से जुड़ी सुनावई के दौरान की। अब सोशल मीडिया पर कोर्ट के इस फैसले का विरोध हो रहा है।

 

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आरोपी की पहचान पवन और उत्तर प्रदेश के कासगंज में आकाश ने कथित तौर पर 11 वर्षीय पीड़िता के स्तनों को पकड़ा, उसके पायजामे का नाड़ा फाड़ दिया और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास किया।  पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि वह अपनी 14 साल की बेटी के साथ कहीं जा रही थी, रास्ते में पवन, आकाश और अशोक नाम के तीन युवकों ने बेटी को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया। आरोपियों ने रास्ते में एक पुलिया के पास गाड़ी रोककर उसकी बेटी के स्तन पकड़े और पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया। इसके बाद गलत इरादे से उसे पुलिया के नीचे खींच कर ले जाने लगे।

 

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उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि आरोपियों पर पोक्सो अधिनियम की धारा 9/10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के साथ-साथ आईपीसी की धारा 354-बी (नंगा करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के मामूली आरोप के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन की अर्जी दाखिल की। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा  कि महिला के स्तन को पकड़ना, उसके पजामे के नाडे को तोड़ना और खींचने की घटना को कतई रेप की कोशिश का अपराध नहीं माना जा सकता। इन हरकतों से यह नहीं माना जा सकता कि इन्हें रेप की घटना को अंजाम देने के लिए ही खातिर किया गया है। 
 

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