नारी डेस्क : कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और अक्सर लोग शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। होंठों पर होने वाला कैंसर अक्सर शुरुआत में मामूली फटने, सफेद दाग या न भरने वाले घाव जैसा लगता है, लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि यह दो अलग-अलग तरह का हो सकता है, एक जो होंठ के बाहर दिखता है और दूसरा, जो होंठ के अंदर की तरफ बनता है . दिलचस्प बात यह है कि जहां होंठ मिलते हैं, उसके बाहर की तरफ होने वाला कैंसर स्किन कैंसर माना जाता है, जबकि अंदर की तरफ दिखाई देने वाला ओरल कैंसर की कैटेगरी में आता है। होंठों का कैंसर दो प्रकार के होते है।
बाहर की सतह (ड्राई लिप)
स्किन जैसा होता है।
ज्यादातर UV सूरज की किरणों से प्रभावित।

अंदर की सतह (वेट लिप)
मुंह की नाजुक त्वचा जैसी।
अक्सर तंबाकू, धूम्रपान और शराब के कारण होता है।
अधिकांश होंठ कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा होते हैं। यह धीरे फैलते हैं, लेकिन अनदेखा करने पर लिम्फ नोड्स और फेफड़ों तक जा सकते हैं।
होंठों पर कैंसर के 5 प्रमुख लक्षण
दो हफ्ते तक न भरने वाला घाव
होंठ पर कोई घाव, कट या छाला जो 14 दिनों में ठीक न हो, यह सबसे महत्वपूर्ण संकेत है।
कोल्ड सोर जैसे वायरल छाले दो हफ्ते में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कैंसर के घाव धीरे-धीरे बढ़ते हैं।

होंठ पर उभरी या कठोर गांठ
होंठ पर छोटा उभार, गांठ या असामान्य मोटापन।
अंदर की तरफ यह सफेद या लाल पैच जैसा दिख सकता है।
छूने पर दर्द या कठोरता महसूस हो सकती है।
लगातार जलन, दर्द या सुन्नपन
बिना चोट के होंठ में जलन, चुभन या सुन्नपन महसूस होना।
बोलने, खाने या मसालेदार भोजन से यह बढ़ सकता है।
होंठों का रंग बदलना
सफेद, लाल या भूरा दाग अचानक उभरना और न मिटना।
समय के साथ यह हिस्सा फैल सकता है।

होंठों की सूजन या आकार में बदलाव
होंठ अचानक फूलना, लचक बदलना या असामान्य आकार लेना।
धूप में ज्यादा रहने वाले और धूम्रपान करने वालों में यह लक्षण आम हैं।
होंठों के कैंसर के मुख्य कारण
अधिक UV सूरज की किरणें (ड्राई लिप कैंसर)
स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन (वेट लिप कैंसर)
भारी शराब पीना
लगातार होंठ काटने की आदत
कमजोर इम्यून सिस्टम

कैसे पता चलता है कि कैंसर है या नहीं?
फिजिकल एग्जाम: डॉक्टर होंठ और मुंह की जांच करते हैं।
बायोप्सी: टिश्यू का छोटा सैंपल लेकर लैब में जांच।
बायोप्सी कैंसर कन्फर्म करने का सबसे भरोसेमंद तरीका है।
नोट : अगर होंठ पर किसी तरह का घाव, गांठ, रंग या आकार में बदलाव नजर आए, तो जरूरी नहीं कि यह कैंसर ही हो। लेकिन इसे हल्के में लेना भी सुरक्षित नहीं है। अगर ये बदलाव लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह कैंसर का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में समय रहते जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है, ताकि गंभीर समस्या होने से बचा जा सके।