मां-बाप के लिए बच्चे उनकी दुनिया होते हैं। वो अपने बच्चों की देखभाल जितना हो सके उतने बेहतर तरीके से करते हैं। मां-बाप हर संभव प्रयास करते हैं कि उनका बच्चा बाकियों से अच्छा और खूबसूरत दिखे। आजकल के दौर में काफी बच्चे अंडरवेट हैं जो पैरेंट्स के लिए चिंता का बड़ा कारण है। बच्चे का ख्याल रखने और उनको हेल्दी डाइट देने के बाद भी वजन में कोई खास फर्क नहीं आता है। यहां ऐसे ही मां-बाप के लिए कुछ आसान तरीके बताए गए हैं, जिनको फॉलो करने के बाद बच्चों की सेहत में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
हाइजीन में कमी से पड़ता है वजन पर फर्क
अगर आपका बच्चा भी अंडरवेट की समस्या से जुझ रहा है तो इसके पीछे घर में हाइजीन का ठीक न होना हो सकता है। पैरेंट्स को इतना करना चाहिए कि बिना हैंड वॉश किए बच्चे को कोई भी खाने का सामान न दें, वरना आपका बच्चा धीरे-धीरे बीमार होने लगता है। हाइजीन में कमी से बच्चे को कई तरह के इंफेक्शन का खतरा होता है। अगर बच्चा 2 साल से ऊपर का है तो उसे भी हैंडवॉश जरुर कराएं।
हाइजीन की कमी से फूड पॉइजनिंग खतरा
कुछ पैरेंट्स छोटी-छोटी बातों को हल्के में लेते हैं, लेकिन यही आगे चलकर किसी बड़ी बीमारी का कारण बन जाती है। हाइजीन की कमी के चलते बच्चों में फूड पॉइजनिंग का खतरा होता है और सही समय पर इलाज न होने पर बच्चे के जान पर बन आती है।
नवजात बच्चों को चाहिए एक्सट्रा केयर
नवजात बच्चों के लिए एक्सपर्ट का मानना है कि इनको एक्स्ट्रा केयर की जरुरत होती है। छोटे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा मां की स्किन कॉन्टेक्ट में रखना चाहिए। इससे बच्चे का तापमान ठीक रहता है। 6 महीने तक बच्चे को मां का ही दूध पिलाएं, लेकिन कम वजन के नवजात बच्चों को मां का दूध पीने में दिक्कत आती है, इसके लिए थोड़ा धीरज रखें और बच्चे को दूध पिलाना जारी रखें। एकबार बच्चा दूध पीना सीख जाएगा तो आसानी होगी। नवजात बच्चों के लिए मां का दूध सबसे फायदेमंद खुराक है।