हिंदू पंचागों के अनुसार, अश्विनी महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरु हो जाते हैं। शारदीय नवरात्रों में नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का हर स्वरुप भक्तों को विशेष तौर पर वरदान और आशीर्वाद देने वाला माना जाता है। हिंदू धर्म के लोग शारदीय नवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। नवरात्रि पर प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मां की विधि-विधान से पूजा की जाती है और घर में कलश स्थापित किया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि कब से हैं और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
कब से शुरु होंगे शारदीय नवरात्रि?
इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरु हो रहे हैं और इनका समापन 23 अक्टूबर मंगलवार को होगा। इसी के साथ 24 अक्टूबर को विजयदशमी यानी की दशहरे का पर्व मनाया जाएगा। आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर रात 11:24 पर शुरु होगी और अगले दिन यानी की 15 अक्टूबर दोपहर 12:32 तक। ऐसे में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर सुबह 11:48 मिनट से लेकर दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगा।
इस वाहन पर आएंगी मां दुर्गा
इस साल शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। मां दुर्गा के इस वाहन पर आने के बहुत ही प्रबल संकेत मिल रहे हैं। इससे घर में सुख-संपन्नता बढ़ेगी। इसके अलावा देश भर में शांति के लिए किए जा रहे कार्यों में भी सफलता मिलेगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार के नवरात्रि बहुत ही शुभ होने वाले हैं।
कैसे करें कलश की स्थापना?
नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार, 2,3 या फिर पूरे 9 दिनों का उपवास रखने का संकल्प लेते हैं। पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करें। इसके बाद स्नान करके लाल कपड़े पहनें और फिर कलश स्थापित करके एक मिट्टी के पात्र में साफ मिट्टी लें और उसमें जौ बोएं। ईशान कोण कलश स्थापना के लिए शुभ माना जाता है। पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं फिर इस पर मां दुर्गा की तस्वीर रखें। एक तांबे या फिर मिट्टी के कलश में गंगा जल या फिर साफ पानी भरकर इसमें सिक्का, अक्षत, सुपारी, लौंग का जोड़ा, दूर्वा घास डाल दें। इसके बाद कलश के मुख पर मौली बांधें एक नारियल पर लाल चुनरी को मौली के साथ बांध दें। कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें। अब जौ वाले कलश में मां दुर्गा की फोटो को दाईं और रखें। कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा की पूजा करें और ज्योति जरुर जलाएं। अंत में मां की आरती करते हुए प्रसाद सभी में बांट दें।