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जन्म से पहले ही बच्चे के साथ मजबूत करना है बॉन्ड, तो प्रेगनेंट महिला रोजान करें ये काम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 24 Sep, 2025 02:05 PM
जन्म से पहले ही बच्चे के साथ मजबूत करना है बॉन्ड, तो प्रेगनेंट महिला रोजान करें ये काम

नारी डेस्क: गर्भावस्था सिर्फ शारीरिक बदलावों का समय नहीं होता, बल्कि यह मां और बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव का सबसे खास चरण भी होता है। जब बच्चा मां के गर्भ में होता है, तब भी वह बाहर की दुनिया से जुड़ाव महसूस करता है, खासतौर पर अपनी मां की आवाज़, स्पर्श और भावनाओं से। इसी जुड़ाव को प्रेनेटल बॉन्डिंग कहते हैं। यह वह प्रक्रिया है जिसमें मां और होने वाले बच्चे के बीच गहरा भावनात्मक संबंध बनने लगता है, जो जन्म के बाद भी बच्चे के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।

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क्यों जरूरी है प्रेनेटल बॉन्डिंग?

यह मां को गर्भावस्था के दौरान सकारात्मक और खुशमिजाज बनाए रखता है। बच्चा मां की भावनाओं को महसूस करता है, जिससे उसमें सुरक्षा और अपनापन आता है। जन्म के बाद बच्चे के साथ जुड़ाव और स्तनपान दोनों आसान हो जाते हैं। शोध बताते हैं कि इससे बच्चे का स्ट्रेस लेवल कम होता है और वह ज्यादा शांत व स्वस्थ रहता है।

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 प्रेनेटल बॉन्डिंग के आसान तरीके

बच्चे से बात करें:  रोज कुछ मिनट शांत बैठकर अपने पेट पर हाथ रखकर बच्चे से बातें करें। उसकी हरकतों का जवाब दें।
सकारात्मक संगीत सुनें: मधुर संगीत, मंत्र या लोरी सुनाने से बच्चा भी रिलैक्स महसूस करता है।
विज़ुअलाइज़ेशन (कल्पना):अपनी आंखें बंद करके सोचें कि आपका बच्चा स्वस्थ और खुश है।
पढ़ाई: धार्मिक ग्रंथ, कहानियां या सकारात्मक किताबें पढ़ने से मां का मूड अच्छा रहता है और बच्चे पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
पिता और परिवार की भागीदारी:  होने वाले पापा और परिवार के लोग भी बच्चे से बात करें या गाना सुनाएँ। इससे बच्चे को परिवार का एहसास पहले से होता है।
ध्यान और योग: प्रेग्नेंसी के लिए सुरक्षित योग और मेडिटेशन करने से मन शांत होता है और जुड़ाव गहरा बनता है।
 

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