05 DECFRIDAY2025 11:06:03 PM
Nari

ICMR की रिसर्च में खुलासा: IT सेक्टर के 84% युवा फैटी लिवर से ग्रसित, केंद्र सरकार ने दी चेतावनी

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 14 Aug, 2025 04:03 PM
ICMR की रिसर्च में खुलासा: IT सेक्टर के 84% युवा फैटी लिवर से ग्रसित, केंद्र सरकार ने दी चेतावनी

 नारी डेस्क:  अगर आप भी दिनभर लैपटॉप या कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं और आपकी दिनचर्या में फिजिकल एक्टिविटी की कमी है, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की हालिया रिसर्च में सामने आया है कि आईटी सेक्टर में काम करने वाले 84% युवा फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहे हैं।

यह रिसर्च हैदराबाद के आईटी कर्मचारियों पर की गई थी, जिसमें पाया गया कि लगातार 9-10 घंटे तक बैठे रहना, फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन और मोबाइल स्क्रीन पर लंबा समय बिताना फैटी लिवर की सबसे बड़ी वजहें बन रही हैं।

PunjabKesari

 सबसे ज्यादा खतरा 25 से 45 साल की उम्र के लोगों को

इस स्टडी में जिन युवाओं की जांच की गई, उनमें ज्यादातर की उम्र 25 से 45 साल के बीच थी। यह उम्र कामकाजी जीवन की शुरुआत और मध्य का समय होता है, जिसमें शारीरिक रूप से सक्रिय रहना सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है।

 केन्द्र सरकार ने दी चेतावनी

इस रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह समस्या केवल IT सेक्टर तक सीमित नहीं है। बल्कि बैंकिंग, कॉर्पोरेट, कस्टमर सपोर्ट, डिजिटल मार्केटिंग जैसे अन्य क्षेत्र, जहां बैठकर काम करने की आदत और तनाव ज्यादा होता है, वहां के युवा भी इस खतरे की चपेट में आ रहे हैं।अगर समय रहते जीवनशैली में बदलाव नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में भारत के युवा वर्ग की सेहत पर इसका गंभीर असर पड़ेगा।

PunjabKesari

सामान्य आबादी में भी फैटी लिवर के केस कम नहीं

ICMR की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जो लोग किसी और बीमारी से पीड़ित नहीं हैं, उनमें भी फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। राजस्थान जैसे राज्यों में यह आंकड़ा 16% तक है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह संख्या 20 से 25% तक पहुंच चुकी है। यानी यह बीमारी सिर्फ बड़े शहरों या किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे देश में धीरे-धीरे फैलती जा रही है।

 क्या है फैटी लिवर और क्यों है खतरनाक?

फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर में वसा (फैट) जमा होने लगती है। अगर समय पर इसे कंट्रोल न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस, लिवर फेल्योर या अन्य गंभीर बीमारियों में बदल सकती है। इसका खासतौर पर नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर (NAFLD) प्रकार बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जो शराब न पीने वालों में भी होता है।

PunjabKesari

 कैसे बच सकते हैं फैटी लिवर से?

ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ ऑपरेशन गाइडलाइंस भी जारी की हैं, जिसमें बताया गया है कि इससे कैसे बचा जा सकता है हर 30 मिनट में कुर्सी से उठें और थोड़ा चलें। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी ज़रूरी है। फास्ट फूड, तला-भुना और प्रोसेस्ड खाना कम खाएं। नींद पूरी लें और तनाव कम करें। साल में एक बार हेल्थ चेकअप ज़रूर करवाएं।
 
अगर आज की युवा पीढ़ी समय रहते अपनी जीवनशैली में सुधार नहीं करती, तो भविष्य में देश को एक बीमार, थका हुआ और कमजोर युवा वर्ग मिल सकता है। ICMR की यह रिपोर्ट चेतावनी की तरह है, अलार्म की तरह है, जो समय रहते सुन ली जाए, तो आगे की बहुत सी परेशानियों से बचा जा सकता है।  

Related News