स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी का स्वभाव बेहद ही सौम्य था। आखिरी वक्त में लता जी ने लोगों से मिलना बंद कर दिया था लेकिन वो वॉट्सएप पर काफी एक्टिव थी। आखिरी दिनों में उनकी 8 साल की बच्ची के साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी। चलिए आपको बताते है कि कौन है वो 8 साल की बच्ची जिसके साथ आखिरी महीने में लता जी ने बात की थी।
8 साल की बच्ची से कर रही थी वीडियो कॉल पर बात
डॉक्टर प्रतीत समदानी जोकि लता जी का पिछले 3 साल से इलाज कर रहे थे उन्होंने हाल में एक इंटरव्यू में बताया है कि लता दीदी का उनके आसपास के लोगों के साथ कैसा व्यवहार रहता था। डॉक्टर ने बताया कि लता पिछले 2 सालों से उनकी 8 साल की बेटी से वीडियो कॉल पर बातें किया करती थीं।
एक नामी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में डॉक्टर प्रतीत समदानी ने लता जी के निधन पर बात करते हुए कहा, 'आज मेरी बेटी बेहद दुखी है।' उन्होंने बताया कि साल 2019 में उनकी पहली मुलाकात लता जी से हुई थी जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आगे उन्होंने कहा, 'हमारे बीच एक प्यारा सा रिश्ता बन गया था। कोरोना वायरस के चलते उन्हें हॉस्पिटल जाने की मनाही थी, इसलिए हर हफ्ते वह मुझसे वीडियो कॉल पर कन्सल्ट करती थीं। इन्हीं कॉल्स के बीच वह अपनी पुरानी यादें भी साझा किया करती थीं। साथ ही वह मेरे परिवार का भी हालचाल लेती रहती थीं।'
लता दीदी मेरी बेटी से मिलना भी चाहती थींः डॉक्टर
उन्होंने बताया कि लता जी की दोस्ती उनकी बेटी के साथ हो गई थी। आगे डॉक्टर ने बताया, 'लता दीदी की मेरी 8 साल की बेटी से भी खास बॉन्डिंग हो गई थी। वह अक्सर उससे वीडियो कॉल पर बात किया करती थीं। लता दीदी मेरी बेटी से मिलना भी चाहती थीं लेकिन कोरोना वायरस के चलते ऐसा हो नहीं सका। लेकिन इन दोनों की मुलाकात वीडियो कॉल पर वर्चुअली कई बार हुई थी। मेरी बेटी को भी लता दीदी बहुत पसंद थीं और वह उन्हें हाथ चिट्ठियां लिखकर भेजा करती थी।'
एक नामी वेबसाइट के मुताबिक, लता जी ने कुछ महीनों से लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया था, जिसकी वजह थी कोरोना। लता जी फिजिकली किसी से नहीं मिलती थी लेकिन वो व्हाट्सएप पर एक्टिव थी। उनके घर पर भी लोगों का आना-जाना मना था।
वही, डॉक्टर प्रतीत ने उनके आखिरी दिनों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आखिरी समय पर भी लता दीदी के चेहरे पर स्माइल थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर ने कहा कि जब भी लता जी की तबीयत खराब होती थी तो वो उनका इलाज करते थे लेकिन इस बार उनकी सेहत दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही थी।
हमने अपनी पूरी कोशिश की उन्हें बचाने कीःडॉक्टर
डॉक्टर प्रतीत ने कहा, ‘हमने अपनी पूरी कोशिश की उन्हें बचाने की, लेकिन इस बार हम उनको बचा नहीं पाए। स्वर कोकिला के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब लता मंगेशकर अस्पताल में भर्ती थीं तो वह कहती थीं कि सबका बराबर से ध्यान रखा जाना चाहिए। वो किसी भी ट्रीटमेंट के लिए मना नहीं करती थीं और जो भी ट्रीटमेंट उनके लिए जरूरी होता था उसे लेने में कभी भी आनाकानी नहीं करती थीं.
लता दीदी के स्वभाव को लेकर डॉक्टर ने कहा,मैं हमेशा उनकी स्माइल याद रखूंगा. अपने आखिरी समय में भी लता मंगेशकर के चेहरे पर स्माइल थी. लास्ट कुछ सालों में उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी इसलिए वह ज्यादा लोगों से नहीं मिल पाती थीं. इस बार भगवान का कुछ और ही प्लान था और वह हम सभी को छोड़कर चली गई.
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से हर कोई गम में डूबा हुआ है। लता मंगेशकर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में करीब 29 दिन तक भर्ती थीं। 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।