हिंदू धर्म में विशेष तिथि का खास महत्व है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा को दैवीयता का दिन कहा जाता हैं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए दान का फल 32 गुना होकर वापस मिलता है। इस शुभ दिन पर सत्यनारायण की पूजा, तुलसी पूजा करने से देवी लक्ष्मी की असीम कृपा बरसती है। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा आज यानि शनिवार के दिन पड़ रही हैं। ऐसे में आज शनिदेव के जुड़े कुछ टोटके करने के विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। चलिए जानते हैं कुछ खास टोटकों के बारे में...
जीवन की सभी रुकावटों से छुटकारा पाने के लिए
तंत्र शास्त्र अनुसार, शनिवार के दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा पड़ने से आप शनि दोष से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए काला कुत्ता या काली गाय को रोटी खिलाएं। इसके साथ काली चींटियों को दाना डालें। इसके अलावा तेल पदार्थ बनाकर न्याय के देवता शनिदेव को भोग लगाएं। उसके बाद उस चीज को गरीब व जरूरतमंद को खिलाएं। मान्यता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। असल में, शनिदेव गरीब व जरूरतमंद लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं। ऐसे में जीवन की सभी रुकावटें दूर होकर घर में सुख-समद्धि का वास होता ।
धन संबंधित समस्या दूर करने के लिए
आज के दिन 4 लौंग और लाल रंग का कपड़ा लें। अब पूजा घर पर जाकर देवी लक्ष्मी व कुबेर देवता का ध्यान करते हुए घी का दीपक जलाकर उसमें 2 लौंग डालें। बाकी की 2 लौंग को लाल कपड़े में बांधकर धन की देवी लक्ष्मी के सामने रखें। देवी लक्ष्मी की पूजा करके लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। उसके बाद लौंग वाले लाल कपड़े को धन रखने वाली जगह पर रख दें। मान्यता है कि इससे धन संबंधी समस्याएं दूर होकर मनचाहा फल मिलता है।
मनोकामना पूर्ति के लिए
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अपनी लंबाई के बराबर लाल रंग का रेशमी सूत यानि धागा लें। अब एक बरगद का पत्ता लेकर उसे धोकर सुखा लें। इसके बाद सफेद कागज पर अपनी मनोकामना लिखकर पत्ते में रखकर रेशमी धागे से बांधकर उसे बहते जल में प्रवाहित कर दें। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इससे जीवन की समस्त समस्याएं दूर होकर मनोकामना की पूर्ति होती है।
शनि दोष दूर करने के लिए
शनिवा के दिन खाने में लाल की जगह पर काली मिर्च का इस्तेमाल करें। इसके अलावा काला नमक ही खाएं। इससे आप पर शनिदेव की असीम कृपा बरसेगी। इसके साथ ही कुंडली में शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव भी कम होने में मदद मिलेगी।
नौकरी व व्यवसाय में तरक्की के लिए
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के साथ शनिदेव की पूजा करने का भी महत्व है। इसके लिए शाम के समय अनार की कलम द्वारा रक्त चंदन से किसी भोजपत्र पर ‘ॐ ह्वीं’ मंत्र लिखकर पूजा करें। इसके साथ ही इसकी रोजाना पूजा करें। इससे जीवन की समस्याएं दूर होकर भाग्य साथ देगा। नौकरी व कारोबार से जुड़ी परेशानियां दूर होकर जीवन में शांति व खुशहाली का आगमन होगा। इसके साथ ही आसपास का वातावर हमेशा सकारात्मक रहेगा।