16 DECMONDAY2024 4:57:45 PM
Nari

करोड़ों के हीरे बनाने वाले workers  हुए पाई- पाई के मोहताज, गरीबी के चलते कर रहे सुसाइड

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 Dec, 2024 02:58 PM
करोड़ों के हीरे बनाने वाले workers  हुए पाई- पाई के मोहताज, गरीबी के चलते कर रहे सुसाइड

नारी डेस्क: इस समय गुजरात में हीरा उद्योग गंभीर संकट का सामना कर रहा है। सूरत के हीरा उद्योग का कम से कम 20-25% हिस्सा, जिसने दिवाली की छुट्टियों के लिए अक्टूबर के अंत में परिचालन रोक दिया था, अभी तक फिर से नहीं खुला है,  फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण और उसके बाद रूसी हीरों पर प्रतिबंध लग गए हैं, जिस कारण व्यापारियों का मंदी का बोझ झेलना पड़ रहा है। 
 

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हीरा कारोबारियों की हालत हुई खराब

देश में हीरे के तीन सबसे पड़े प्लांट सूरत, मुंबई और कोलकाता में है।  कोरोना वायरस के चलते यहां 70-80 प्रतिशत कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। पिछले साल दुनिया की सबसे बड़ी हीरा कंपनी डी बीयर्स ने घाटे में थी,  एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में नोटबंदी, साल 2017 में जीएसटी, 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के घोटाले के चलते   हीरा कारोबारियों के लिए मुश्किलें पैदा हो गई हैं। 


कई श्रमिकों ने गंवाई अपनी जान 

 हीरा इंडस्ट्री की खराब हालत के चलते कई  कारीगरों को कंपनी से निकाल दिया गया है। वहीं, हजारों श्रमिकों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। आपको यह जानकरर हैरानी होगी कि 18 महीनों में 71 मजदूराें ने आर्थिक तंगी के चलते खुद को खत्म कर लिया। दरअसल सूरत शहर अकेला 6 लाख हीरा कारीगरों को नौकरी मुहैया करवाता है। वहीं शेष गुजरात सिर्फ 3 लाख कारीगरों को ही नौकरी मुहैया करवाता है।  

 

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श्रमिकों को दी जा रही लंबी छुट्टी 

शहर का हीरा उद्योग आमतौर पर तीन सप्ताह की छुट्टी लेता है, लेकिन  इस बार मंदी के कारण लंबी छुट्टी थी। वर्तमान में, लगभग 3,500 हीरा काटने और चमकाने वाली इकाइयां सूरत में चालू हैं। कई इकाइयां काम के घंटे कम करके संकट का सामना कर रही हैं। काम नहीं होने से सूरत में फैक्ट्रियों में श्रमिकों को एक हफ्ते में दो से तीन दिन की छुट्टी दी जा रही हे। कारोबारी लंबे समय से गुजरात सरकार से मंदी के कारण अपनी नौकरी खो चुके हीरा कारीगरों और आत्महत्या करने वालों के लिए वित्तीय राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं।

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