10 JANFRIDAY2025 8:02:08 PM
Nari

2000 KM की लंबी यात्रा पर निकली बुलेट रानी, बाइक चलाकर लोगों को दे रही “आओ कुंभ नहाओ” का संदेश

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 10 Jan, 2025 03:55 PM
2000 KM की लंबी यात्रा पर निकली बुलेट रानी, बाइक चलाकर लोगों को दे रही “आओ कुंभ नहाओ” का संदेश

नारी डेस्क: बुलेट रानी के नाम से मशहूर राजलक्ष्मी मंदा महाकुंभ 2025 के प्रचार-प्रसार के लिए ‘बुलेट'से 35 जिलों की यात्रा पर निकल गई हैं। वह 2000 किलोमीटर लंबी बुलेट यात्रा निकालकर लोगों को महाकुंभ में स्नान करने और इस पर्व का आध्यात्मिक महत्व समझाने का संदेश दे रही हैं। उनकी  यात्रा  20 जनवरी को प्रयागराज में खत्म होगी, इस दौरान वह लोगों को कुंभ में आकर स्नान करने के लिए प्रेरित करेंगी।

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महंत राजलक्ष्मी मंडा सुंदरवन स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग संगम क्षेत्र की महंत हैं। उनके साहस और प्रेरणादायक कार्यों के कारण उन्हें देशभर में 'बुलेट रानी' के नाम से जाना जाता है।  अपनी यात्रा को लंकर उन्होंने कहा-  “हमने अपने कुछ भक्तों को साथ लेकर आम जनमानस में आध्यात्मिक ऊर्जा और धार्मिक चेतना जाग्रत करने के उद्देश्य से यह यात्रा निकाली है जिसे “आओ कुंभ नहाओ यात्रा” का नाम दिया गया है।” उन्होंने बताया यह सनातन धर्म यात्रा नौ जनवरी से आरम्भ होकर 2,000 किलोमीटर की दूरी तय कर करते हुए और 35 जिलों से गुज़रते हुए 20 जनवरी को शंकरगढ़ के रास्ते प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर संपन्न होगी। 

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‘बुलेट रानी' के नाम से प्रसिद्ध मां राजलक्ष्मी मंडा के साथ कुल 50 मोटरसाइकिल सवार भी यात्रा में साथ रहेंगे। इससे पूर्व, तमिलनाडु की राजलक्ष्मी मंडा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में मतदान के लिए बुलेट से 21,000 किलोमीटर की यात्रा कर चुकी हैं। 180 फुट ऊंचे और 144 फुट गोलकार शिवलिंग आकार के इस विशाल मंदिर में नौ फुट ऊंची और नौ टन वज़नी शिवलिंग की स्थापना की जाएगी। मां राजलक्ष्मी मंडा ने बताया कि वह 2,000 किलोमीटर की ‘आओ कुम्भ नहाओ यात्रा' के दौरान गाज़ीपुर, गोरखपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, इटावा, मुरादाबाद, दिल्ली, मथुरा, अयोध्या, कानपुर और चित्रकूट में कुल 11 जिलों में रात्रि विश्राम करेंगी। 

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महंत राजलक्ष्मी मंडा की यह पहल न केवल महाकुंभ के प्रति लोगों में उत्साह बढ़ा रही है, बल्कि सनातन धर्म के महत्व को भी नए आयाम दे रही है।  उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ एक ऐसा अवसर है जो जीवन को पवित्र और धार्मिक बनाता है. इस दौरान लोग पुण्य अर्जित करने के लिए प्रयागराज आकर स्नान करते हैं और ये यात्रा इसी उद्देश्य को फैलाने का काम कर रही है। 

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