नारी डेस्क: हाल ही में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, खासकर 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इसके बढ़ते संक्रमण के कारण। हालांकि सोशल मीडिया पर इसके बारे में चिंता जताई गई है, स्वास्थ्य अधिकारी जैसे कि चीन और भारत ने यह स्पष्ट किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है, और इसके कारण अभी तक कोई आपातकाल घोषित नहीं किया गया है। आइए हम समझते हैं HMPV क्या है, यह कैसे फैलता है, इसे कौन अधिक प्रभावित करता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
HMPV क्या है?
डॉ. पी.एस. बख्शी के अनुसार HMPV एक श्वसन वायरस है, जिसे पहली बार 2001 में पहचान गया था। यह वायरस न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) जैसे वायरस भी शामिल हैं। यह वायरस सर्दी और शुरुआती वसंत के मौसम में अधिक सक्रिय रहता है और आमतौर पर सामान्य सर्दी जैसे हल्के श्वसन रोगों का कारण बनता है। हालांकि, यह कमजोर व्यक्तियों में गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न कर सकता है।
HMPV के लक्षण
HMPV के लक्षण लगभग उसी तरह के होते हैं जैसे सामान्य सर्दी-जुकाम के होते हैं:
बुखार
गले में खराश
खांसी
नाक बंद या बहती हुई
घरघराहट
शरीर में दर्द
गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस (फेफड़ों में सूजन) या निमोनिया (फेफड़ों में संक्रमण) भी उत्पन्न कर सकता है।
HMPV (Incubation) अवधि
HMPV का ऊष्मायन समय 3 से 6 दिन तक होता है। इसका मतलब है कि जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित होता है, तो उसके लक्षण 3 से 6 दिन में दिखने लगते हैं।
HMPV के जोखिम समूह
5 साल से कम उम्र के बच्चे जिनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है। बुज़ुर्ग वयस्क: जो उम्र बढ़ने के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से जूझ रहे होते हैं। कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग: जैसे कीमोथेरेपी ले रहे लोग या जो किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं। श्वसन संबंधी स्थितियों वाले व्यक्ति: जैसे अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से पीड़ित लोग।
HMPV कैसे फैलता है?
HMPV का फैलाव अन्य श्वसन वायरस की तरह ही होता है। यह मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से फैलता है:
बूंदों के माध्यम से: खांसने, छींकने या बात करने के दौरान निकलने वाली बूंदों के द्वारा।
नज़दीकी संपर्क: जैसे हाथ मिलाना, गले लगना या दूषित सतहों को छूना।
फ़ोमाइट्स (Contaminated surfaces): वायरस से संक्रमित सतहों के संपर्क में आने और फिर चेहरे, नाक या आँखों को छूने से।
HMPV से बचने के उपाय
इस वायरस के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट टीका या एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसके बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
स्वच्छता का अभ्यास करें: हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। अगर साबुन नहीं है तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
निकट संपर्क से बचें: जिन लोगों में श्वसन संबंधित लक्षण हों, उनसे दूरी बनाकर रखें।
चेहरे को न छुएं: विशेष रूप से अपनी आँखों, नाक और मुँह को छूने से बचें।
मास्क का प्रयोग करें: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, खासकर अगर आपको संक्रमण का खतरा हो।
उच्च जोखिम वाले लोगों की देखभाल करें: बच्चों, बुज़ुर्गों और पुराने रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दें।
चिकित्सकीय सहायता लें: अगर लक्षण बिगड़ जाएं या सांस लेने में कठिनाई हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डॉ. पी.एस. बख्शी का कहना है, "HMPV एक पुराना वायरस है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह सामान्यत: हल्के लक्षण उत्पन्न करता है, लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए, विशेष रूप से कमजोर आबादी के बीच।"
HMPV के मामलों में बढ़ोतरी श्वसन स्वास्थ्य की देखभाल और निवारक उपायों के महत्व को दर्शाती है। हमें अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करते हुए, सूचित रहकर और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों का ख्याल रखते हुए इस वायरस के प्रभाव को कम करने का प्रयास करना चाहिए। जागरूकता और तैयारी से हम इस वायरस को नियंत्रित कर सकते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।