नारी डेस्क: 13 जनवरी से शुरू हुए 45 दिवसीय महाकुंभ के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाना जारी रखा। ग्रह पर मनुष्यों की सबसे बड़ी सभा मानी जाने वाली इस महाकुंभ के पहले दो दिनों में 50 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई है। एक दिन के लिए प्रयागराज की आबादी 4 करोड़ पार कर गई, जिससे वह विश्व का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन गया।
मकर संक्रांति पर महाकुंभ में 3.50 करोड़ लोगों ने स्नान किया। जिले की आबादी करीब 70 लाख जोड़ ली जाए तो प्रयागराज में एक दिन की संख्या 4.20 करोड़ रिकॉर्ड की गई। ऐसे में एक दिन के लिए विश्व में टोक्यो शहर 3.74 करोड़ आबादी के साथ दूसरे नंबर पर रिकॉर्ड किया गया। जापान की राजधानी टोक्यो सर्वाधिक आबादी वाला शहर है। यहां की आबादी 3.74 करोड़ के आसपास है। वहीं 2.93 करोड़ आबादी के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है।
मंगलवार को मकर संक्रांति पर महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के दौरान, मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीकॉप्टर से भव्य पुष्प वर्षा की और संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं। सभी घाटों और अखाड़ों पर पुष्प वर्षा की गई। गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा को देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए और उन्होंने जय श्री राम और हर-हर महादेव के जयकारे लगाए।
स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित 10,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संगम पर "जल एम्बुलेंस" तैनात की है। चिकित्सा सुविधाओं से लैस और डॉक्टरों और एनडीआरएफ अधिकारियों द्वारा संचालित यह एम्बुलेंस पूरे कार्यक्रम के दौरान 24/7 संचालित होगी।
मेला क्षेत्र में और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ाने के लिए अंडरवाटर ड्रोन और 2,700 एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं। रेलवे 3,000 विशेष ट्रेनों सहित 13,000 ट्रेनों का संचालन कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रद्धालु कुशलतापूर्वक प्रयागराज पहुंच सकें।
यह आयोजन 13 जनवरी को शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा। प्रमुख स्नान तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति - पहला शाही स्नान), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या - दूसरा शाही स्नान), 3 फरवरी (बसंत पंचमी - तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं।
महाकुंभ 12 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है और इस आयोजन में 450 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।