शादी को सीजन चल रहा है। हर रोज कोई- न- कोई शादी हो रही है। भारतीय संस्कृति में शादी का फंक्शन बहुत ही भव्य होते हैं। हल्दी, मेहंदी ,संगीत से लेकर cocktail पार्टी के बाद कहीं दूल्हा- दुल्हन शादी के बंधन में बंधते हैं। किसी भी होने वाले दूल्हा- दुल्हन के लिए ये दिन स्पेशल होता है। हालांकि इतने सारे मेहमानों, Perfect wedding pictures का pressure, इतने सारे प्री- मैरिज फंक्शन के बीच भव्य शादी की smooth functioning आसान नहीं है। शादी की तैयारी कई सारे लोगों को emotionally भी प्रभावित करता है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि दिल्ली की 29 साल की अदिति श्रीवास्तव का भी कहना है। पेशे से आईटी प्रोफेशनल अदिति ने अपनी शादी की तैयारियों के लिए 6 महीने पहले अपनी जॉब छोड़ी थी। हालांकि वो शादी की जटिल details के साथ आयोजन को अपने हाथ में लेने के लिए तैयार थीं, पर जो उसको पता नहीं था हर कदम में उनकी भावाएं भी इतनी प्रभावित होंगी।
शादी की तैयारियां कर रहे कपल्स का तनाव महसूस करना आम बात
अदिति का कहना है कि वो पहले ही anxiety (चिंता) से जूझ रही थीं और शादी की तैयारियों ने इसे और बढ़ा दिया है। वो कहती हैं- 'ऐसे क्षण भी आते हैं जब मैं खोई हुई महसूस करती हूं और मेरे हाथ कांपने लगते हैं। ' बता दें अदिति जो अनुभव कर रही हैं वह शादी में तनाव के भावनात्मक लक्षण हैं, जो कई रिपोर्टों के अनुसार कई कपल्स के बीच एक आम समस्या है। अमेरिका की एक वेडिंग की ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ज़ोला (Zola) ने 500 विवाहित जोड़ों के 2018 सर्वे में पाया गया कि उनमें से 96 % का दावा है कि शादी की योजना बनाना एक तनावपूर्ण अनुभव है। जबकि 40 % जोड़ों ने इसे "बेहद तनावपूर्ण" बताया, 71 % ने सोचा कि यह "नई नौकरी खोजने जैसी जीवन की अन्य प्रमुख घटनाओं की तुलना ये ज्यादा परेशान करने वाला अनुभव था।
कपल पर पड़ता है शारीरिक और भावनात्मक प्रभाव
शादी का आयोजन में मशगूल दूल्हे और दुल्हन पर शारीरिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है और इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। पारिवारिक मुद्दों से लेकर ग्रेंड वेडिंग में होने वाले खर्च तक - सब कुछ तनावपूर्ण हो जाता है। और शादी का कार्ड डिजाइन करने, मेनू को अंतिम रूप देने या मेहमानों के लिए गिफ्ट्स पर निर्णय लेने जैसे कामों के बीच, खुद की सेहत का ध्यान रखना भूल जाते हैं।
शादी का बढ़ता बजट
वहीं इन दिनों शादी का बढ़ता खर्चा भी कपल्स में तनाव का एक प्रमुख कारण है। यह समझना आसान है कि जब आपको पता चलता है कि पिछले 5 सालों में शादियों की वजट में बहुत ज्यादा हाइक देखने को मिला है। अपनी सबसे हालिया रिपोर्ट में, मल्टी-चैनल इवेंट प्लेटफ़ॉर्म इवेंटफ़ैक्स ने अनुमान लगाया कि भारत में 23 नवंबर से 13 दिसंबर के बीच 3.5 मिलियन से ज्यादा शादियां होने की उम्मीद थी। सर्वे में पाया गया है कि 23 दिन की इस छोटी अवधि के दौरान कुल खर्चा लगभग 4.25 ट्रिलियन रुपये होता है। पिछले साल 3.75 ट्रिलियन रुपये का खर्चा था।
इन तरीकों से करें शादी में शेल्फ केयर
मेडिडेट करें
स्ट्रेस को कम करने के लिए सबसे आसान तरीका है मेडिटेशन। स्ट्रेस को दूर करने के लिए फोन को बंद कर दें और कहीं शांत जगह पर जाकर मेडिटेट करें। इससे मांसपेशियों को रिलेक्स करने में मदद मिलेगी। साथ ही दिमाग नई चीजों पर फोकस कर पाएगा। शादी से पहले स्ट्रेस होना सामान्य है, लेकिन इससे उभरना उससे भी ज्यादा जरूरी। स्ट्रेस को कम करने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें।
खुद पर करें फोकस
बहुत सी लड़कियों को तो इतना स्ट्रेस हो जाता है कि उन्हें ब्रेकआउट, लीबिडो में कमी, सिरदर्द और भूख में बदलाव जैसे शारीरिक लक्षणों का सामना करना पड़ता है। शादी के नजदीक आते ही खुद पर ध्यान देना जरूरी है। शादी की तैयारियों के बीच 2-3 घंटे के लिए निकालें और उसे इंज्वॉय करें। बॉडी को रिलेक्स करने के लिए जिम या स्पा का सहारा लिया जा सकता है।
जरूरी चीजों को दें प्राथमिकता
शादी एक सपने के समान होता है, जिसमें हर चीज परफेक्ट और आसान होनी चाहिए। शादी की तैयारी करते हुए सभी चीजों को प्राथमिकता के अनुसार रखा जाना चाहिए। जैसे जो चीजें आसानी से हैंडल हो रही हैं। चीजें यदि लिस्टआउट होंगी तो समय रहते व्यवस्था करने में आसानी होगी और बजट नहीं बिगड़ेगा।