18 DECWEDNESDAY2024 12:42:48 PM
Nari

Ready To Eat Foods का बढ़ता क्रेज , स्वाद के चक्कर में सेहत पर पड़ रहा भारी असर

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 18 Dec, 2024 09:28 AM
Ready To Eat Foods का बढ़ता क्रेज , स्वाद के चक्कर में सेहत पर पड़ रहा भारी असर

नारी डेस्क: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई ऐसा भोजन चाहता है जो झटपट तैयार हो जाए। रेडी टू ईट फूड्स यानी तुरंत खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों का चलन इसी जरूरत को पूरा करता है। ये फूड्स खाने में स्वादिष्ट होते हैं और समय की बचत करते हैं, लेकिन सेहत के नजरिए से ये बेहद खतरनाक हो सकते हैं। इनमें पोषण का अभाव, वसा और कार्बोहाइड्रेट की अधिकता होती है, जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

रेडी टू ईट फूड्स के नुकसान

पोषण की कमी

रेडी टू ईट फूड्स देखने में आकर्षक लगते हैं और फटाफट तैयार हो जाते हैं, लेकिन इनमें पोषण का भारी अभाव होता है। इनमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। अधिकांश रेडी टू ईट फूड्स का 70% से अधिक हिस्सा केवल कार्बोहाइड्रेट से बना होता है, जो शरीर को खाली कैलोरी तो देता है, लेकिन पोषण प्रदान नहीं करता। सूप मिक्स और हेल्थ ड्रिंक मिक्स जैसे उत्पाद अपने पैकेज पर "स्वास्थ्यवर्धक" होने का दावा करते हैं, लेकिन इनके पोषण संबंधी दावे अक्सर खोखले होते हैं। इनका अधिक सेवन करने से शरीर को सही पोषण नहीं मिल पाता, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।

PunjabKesari

वसा और कार्बोहाइड्रेट की अधिकता

रेडी टू ईट फूड्स में वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकती है। एक्सट्रूडेड स्नैक्स जैसे चिप्स, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स और फ्राई की हुई चीजों में प्रति 100 ग्राम 28 ग्राम तक वसा पाई जाती है। इसके अलावा, ब्रेकफास्ट सीरियल्स और पेय मिक्स में भारी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो शरीर में अतिरिक्त शुगर और अनावश्यक कैलोरी को बढ़ा देता है। यह न केवल वजन बढ़ाने का कारण बनता है, बल्कि लंबे समय तक इसका सेवन करने से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है।

 पैकेज्ड फूड्स के झूठे दावे

रेडी टू ईट फूड्स के पैकेज पर अक्सर ऐसे दावे किए जाते हैं, जो सुनने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन असलियत में इनका कोई आधार नहीं होता। कई बार इन पर लिखा होता है कि ये "हाई प्रोटीन" या "रिच इन फाइबर" हैं, लेकिन ये भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानकों पर खरे नहीं उतरते। इन फूड्स में पोषक तत्वों की मात्रा उतनी नहीं होती जितनी दावा की जाती है। इसके अलावा, इनमें प्रिजर्वेटिव्स, फ्लेवर और अन्य रसायन भी मिलाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन झूठे दावों से उपभोक्ता भ्रमित हो जाते हैं और सोचते हैं कि वे कुछ स्वास्थ्यवर्धक खा रहे हैं, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट होती है।

PunjabKesari

ये भी पढ़ें: कब नहीं पीनी चाहिए कॉफी, एक सिप भी बन सकती है 'जहर', पूरी तरह करें अवॉयड

स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव

 मोटापा और हृदय रोग

रेडी टू ईट फूड्स में वसा और शुगर की मात्रा अत्यधिक होती है, जो शरीर में अनावश्यक कैलोरी बढ़ाने का मुख्य कारण बनती है। इन फूड्स में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो वजन बढ़ाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाते हैं। वजन बढ़ने से मोटापे की समस्या होती है, जो आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा, रेडी टू ईट फूड्स का नियमित सेवन दिल की धमनियों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। यदि इस तरह के खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक खाया जाए, तो यह मेटाबोलिज्म को धीमा कर देता है, जिससे शरीर अधिक वसा जमा करने लगता है और व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है।

डायबिटीज का खतरा

रेडी टू ईट फूड्स में शुगर और कार्बोहाइड्रेट की भारी मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाने का काम करती है। ये खाद्य पदार्थ साधारण कार्बोहाइड्रेट से भरे होते हैं, जो शरीर में तुरंत ग्लूकोज में बदल जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, इंसुलिन का स्तर बढ़ता है और लंबे समय तक इस तरह की डाइट लेने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, रेडी टू ईट फूड्स में मौजूद उच्च शुगर स्तर इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा कर सकता है, जिससे शरीर शुगर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है। इससे न केवल डायबिटीज का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह शरीर में सूजन और अन्य मेटाबोलिक समस्याओं को भी जन्म देता है।

PunjabKesari

 पाचन तंत्र पर असर

रेडी टू ईट फूड्स में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जो पाचन तंत्र के लिए बेहद आवश्यक होता है। फाइबर की कमी के कारण कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। जब शरीर को पर्याप्त फाइबर नहीं मिलता, तो आंतों की गतिविधियां धीमी हो जाती हैं, जिससे पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता। इसके अलावा, इन खाद्य पदार्थों में आर्टिफिशियल फ्लेवर, प्रिजर्वेटिव्स और एडिटिव्स होते हैं, जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने से आंतों की सेहत बिगड़ सकती है, जिससे गैस, पेट दर्द और सूजन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

लंबे समय में कैंसर का खतरा

रेडी टू ईट फूड्स में इस्तेमाल किए गए प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल कलर और रसायन न केवल खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए डाले जाते हैं, बल्कि इन्हें अधिक स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इन रसायनों का अधिक सेवन शरीर में जहरीले तत्वों का निर्माण कर सकता है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। खासतौर पर प्रोसेस्ड मीट और पैकेज्ड स्नैक्स में पाए जाने वाले नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ावा दे सकते हैं। इसके अलावा, उच्च तापमान पर पकाए जाने वाले रेडी टू ईट फूड्स में एक्रिलामाइड नामक तत्व बन सकता है, जो कैंसर के खतरे को और अधिक बढ़ा देता है। यदि इन खाद्य पदार्थों का सेवन लंबे समय तक जारी रहता है, तो यह पेट, कोलन और लिवर कैंसर का प्रमुख कारण बन सकता है।

PunjabKesari

 "रेडी टू ईट खाद्य पदार्थों में प्रोटीन बढ़ाने और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करने की आवश्यकता है। जब तक ऐसा नहीं होता, उपभोक्ताओं को इनका सेवन सावधानी से करना चाहिए।"

रेडी टू ईट फूड्स के सेवन में सावधानियां

1. पैक्ड फूड्स को उबालकर खाएं

2. पैकेज्ड फूड्स में मौजूद हानिकारक तत्वों को कम करने के लिए इन्हें उबालकर खाएं।

3. प्रोसेस्ड फूड्स से बचें

4. जहां तक संभव हो, ताजे और प्राकृतिक भोजन का चयन करें।

5. लेबल ध्यान से पढ़ें: रेडी टू ईट फूड खरीदने से पहले उनके पोषण संबंधी लेबल को ध्यान से पढ़ें और देखें कि इनमें कितनी मात्रा में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट है।
 
रेडी टू ईट फूड्स भले ही आपकी जिंदगी को आसान बनाते हैं, लेकिन इनका नियमित सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों से बचने के लिए इन खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन करें। कोशिश करें कि घर का बना ताजा और पोषक भोजन अपनी डाइट में शामिल करें। स्वस्थ रहना है, तो फटाफट तैयार होने वाले इन स्नैक्स से दूरी बनाएं।

 

Related News