ये बात को सारे ही जानते हैं ईंट से तराशे गए कुतुब मीनार को दुनिया की सबसे ऊंची इमारत में गिना जाता है, आज भी ये ऐतिहासक इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर के बेहतरीन नमूनों में आती है। लेकिन जैसे कई और इमारतें अपनी रहस्यमय चीजों को लेकर विवादों में चलती रहती हैं, उसी तरह से कुतुब मीनार भी अपनी तमाम चीजों को लेकर चर्चा में रहता है। इसकी खूबसूरती के लोग इतने दीवाने हैं कि आज भी यहां पर्यटकों की भीड़ देखने को मिल जाती है। बल्कि यहां तो शादीशुदा लोग अपना वेडिंग फोटोशूट भी करवाते हैं। ऐसी भव्य ऐतिहासिक इमारत के बारे में आप सब जानते होंगे, लेकिन एक और चीज है, जिसके बारे में आपको शायद ही पता होगा। हम बात कर रहे हैं कुतुब मीनार के दरवाजे की जिसका दरवाजा आजतक बंद रहता है।चलिए जानते हैं इस दरवाजे के बारे में....
कुतुब मीनार का निर्माण 1199 से 1220 में किया गया था। ऐसी शानदार इमारत को बनाने की शुरुआत कुतुबुद्दीन-ऐबक ने की थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इस मीनार का निर्माण कार्य पूरा किया। हालांकि इस दौरान इमारत का दरवाजा खुला हुआ था, जिसे देखने के लिए लोग अंदर जाया करते थे। फिर कुछ के बाद लोगों का इसका अंदर जाना बंद कर दिया था, जिसके बाद पीछे की कई वदह बताई गई। अगर आपने कुतुब मीनार देखा है, तो पता होगा इसके आसपास कितनी और खूबसूरत चीजों को भी बनाया गया है, जैसे कुव्वल-उल-इस्लाम मस्जिद, इल्तुतमिश की कब्र, अलाई मीनार, अलाउद्दीन का मदरसा और कब्र आदि।
कुतुब मीनार में दिखाई जाती है फिल्म
आपको जानकर हैरानी होगी कि कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है, इसमें करीबन 379 सीढ़ियां हैं जो आपको मीनार की ऊंचाई तक ले जाती हैं। इमारत की कला को देखकर आपको यकीन नहीं होगा कि आखिर इसे बनाया कैसे होगा। विदेश भी मीनार की ऊंचाई को देख हैरत में पड़ जाते हैं। जानकारी के लिए बता दें, कुतुब मीनार कॉम्प्लेक्स में 10 मिनट की फिल्म भी दिखाई जाती है, जिसे कुतुब मीनार पर बनाया गया है। इस फिल्म में शायद आपको सारे सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
बंद दरवाजे का रहस्य
साल 1974 में जब कुतुब मीनार में आम लोगों को एंट्री दी जाती थी। लेकिन 4 दिसंबर 1981 में लोगों के साथ एक भयानक हादसा हुआ, जिसकी वजह से अंदर भगदड़ मच गई और करीबन 45 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद से कुतुब मीनार का ये दरवाजा बंद कर दिया गया है।
कैसे पहुंचे कुतुब मीनार
आप कुतुब मीनार आसानी से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन या कश्मीरी गेट बस स्टेशन से पहुंच सकते हैं।