बचपन एक कच्ची मिट्टी के जैसे होता है आप इसे जैसा आकार देंगे उसी तरह जीवन भर के लिए ढल जाएगा। ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह समय बहुत ही खास होता है क्योंकि वह जैसे इस दौरान बच्चे को जो शिक्षा देंगे बच्चा वैसे ही हो जाएगा इसलिए इसी समय में बच्चे को कुछ खास बातें सिखाना भी बहुत ही जरुरी है। बच्चों को यह बात बताना भी आवश्यक है कि उसका अपने लिए स्टैंड लेना क्यों जरुरी है और अधिकारों की सुरक्षा के लिए खड़ा होना क्यों जरुरी है? अपने आत्मविश्वास के साथ बच्चा कैसे हालातों का सामना कर सकता है यह बातें बच्चे को बताना जरुरी है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप बच्चे को स्टैंड लेना सिखा सकते हैं...
सपनों को पूरा करने के लिए खड़े होना जरुरी
छोटे बच्चों को जिंदगी की कठोर परिस्थितियों के बारे में समझाना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में आप धीरे-धीरे बच्चों को स्थिति से अवगत करवाएं। आप बच्चों को समझाने का प्रयास करें कि जीवन में सब कुछ आसान नहीं होता है। मंजिल तक पहुंचने के लिए हालातों का सामना करना पड़ता है और अपने सपनों के पूरा करने के लिए एक स्वस्थ दिमाग और अपने लिए खड़े होना भी जरुरी है।
मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाएं
माता-पिता को बच्चे को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाना चाहिए, ताकि वह दूसरे की ओर अपनी भावनाओं को अच्छे से समझ सकें। बच्चे को सिखाना और पढ़ाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप बच्चे को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं। आप कहानियों और उदाहरणों के जरिए बच्चे को स्थिति से डील करना सिखा सकते हैं।
अपनी बात रखना सिखाएं
बच्चे को उसकी बात रखना सिखाएं ताकि वह लोगों को अपने व्यक्तितत्व के बारे में समझा सके। खासकर दूसरों के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़ा रहने के लिए अपने बात को कहना जरुरी होता है। बात का उल्ट जवाब देने से बच्चे का व्यक्तितत्व भी खराब दिख सकता है।
सेल्फ एडवोकेसी भी है जरुरी
बच्चों के खुद का स्टैंड लेने के लिए सेल्फ एडवोकेसी भी जरुरी है। इस तरीके से भी बच्चे अपने इच्छाओं और अधिकारों को सभी के सामने अच्छी तरह से रख पाएगा। साथ ही उसमें निर्णय लेना और निर्णय लेने की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। इससे बच्चा लोगों से पूरे आत्मविश्वास और दिमाग से कर पाएगा।
बॉडी लैग्वेंज हो स्ट्रॉन्ग
दूसरे लोगों पर प्रभाव डालने के लिए कॉन्फिडेंट बॉडी लैंग्वेज होना भी बहुत ही आवश्यक है। माता-पिता बच्चे को कॉन्फिडेंट बॉडी लैंग्वेंज के बारे में बताएं। इससे बच्चे में नेगेटिविटी भी दूर होगी। पेरेंट्स बच्चे को रोल मॉडल के माध्यम से सिखा सकते हैं। आप उन्हें मशहूर हस्तियों के उदाहरण देकर बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं।