दुनियाभर में बहुत से रहस्य छिपे है, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। वहीं भारत देश अपनी संस्कृति, धर्म के साथ कई रहस्यों से भी मशहूर है। यहां हिमाचल प्रदेश में एक बेहद ही रहस्मय गांव बसा हुआ है। माना जाता है कि यहां के लोगों की अपनी एक अलग भाषा है, जिसे बस वे ही समझ पाते हैं। तो चलिए जानते हैं इस गांव के बारे में विस्तार से...
हिमालय की चोटियों के बीच बसा मलाणा गांव
मलाणा नाम से मशहूर यह गांव हिमालय की चोटियों के बीच बसा है। वहीं यह गांव चारों ओर सेे गहरी खाइयों व बर्फीले पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां लोगों की आबादी 1700 के करीब है। दुनिया से अलग होने के कारण इस गांव में देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं। वैसे तो यह गांव दुनियाभर में मशहूर है। मगर यहां पर जाना थोड़ा मुश्किल भरा काम है। असल में इस गांव पर जाने के लिए कोई सड़क व सीधा रास्ता नहीं है। गांव पर पहुंचने के लिए पहाड़ी पगडंडियों से गुजरना पड़ता है। बता दें, पार्वती घाटी की तलहटी में स्थित जरी गांव से मलाणा तक सीधी चढ़ाई करनी पड़ती है। वहीं जरी से इस गांव तक पहुंचने में करीब 4 घंटों का समय लगता है।
एतिहासिक किस्से से जुड़ा मलाणा गांव
यहां के गांववासियों का कहना है कि वे यूनान के मशहूर राजा सिकंदर महान का वंशज हैं। कहा जाता है कि सिंकदर के भारत पर हमला करने पर उसके कुछ सैनिक मलाणा में पनाह लेकर रुक गए थे। मगर बात में वे यहीं पर रह गए। ऐसे में इस गांव के बाशिंदे खुद को सिकंदर के उन्हीं सैनिकों के वंशज कहते हैं। मगर फिर भी अभी तक इस बात का कोई पका सबूत नहीं मिला है। हां, सिकंदर के समय की कई सारी चीजें इस गांव में आपको देखने को मिलेगी। माना जाता है कि सिकंदर के समय की एक तलवार भी इसी गांव के मंदिर में है।
कनाशी नाम की भाषा मशहूर
इस गांव के लोगों की भाषा बेहद रहस्यमय है। इनकी भाषा का नाम कनाशी है जिसे यहां के लोग पवित्र जबान मानते हैं। यह भाषा पूरी दुनिया में अकेले इसी गांव में बोली जाती है। वे इसे बाहरी लोगों को नहीं सिखाते हैं। ऐसे में इस रहस्मयी भाषा को लेकर कई देशों द्वारा शोध हो रहे हैं।
गांव के अंदर ही शादी करने का रिवाज
सुनकर शायद आप हैरान होंगे मगर ये लोग शादी भी अपने गांव में ही करना पसंद करते हैं। वहीं किसी द्वारा गांव से बाहर शादी करने पर गाववाले उसे समाज से बेदखल कर देते हैं।
यहां के बुजुर्ग बाहरी लोगों से हाथ मिलाने से रखते हैं परहेज
इस गांव के लोग बाहरी व्यक्ति से हाथ मिलाने व छूने से परहेज रखते हैं। वहीं किसी दुकान से समान लेने पर दुकानदार चीज को हाथ में देने की जगह वहीं रख देता है। साथ ही वे पैसों को भी वहीं रखने को कहते हैं। मगर अब नई पीढ़ी इन बातों पर परहेज नहीं करती है।
शीश (चरस) मशहूर यह गांव
भांग के पौधे से बनने वाली चरस से यह गांव बेहद मशहूर है। वहीं इस गांव के लोग इसे खासतौर से अपने हाथों द्वारा रगड़कर बनाते हैं। फिर बाहरी लोगों द्वारा इसे खरीदा जाता हैं। वहीं इसका असर गांव के बच्चों पर भी देखने को मिलता है। इसी कारण मलाणा गांव के बच्चे कम उम्र में ही ड्रेग बेचने लगते हैं। इसी कारण इस गांव में बाहरी लोग केवल दिन के समय रह सकते हैं। साथ में रात को गांव के सभी गेस्ट हाउस बंद कर दिए जाते हैं। इस पर गांववालों का मानना है कि ऐसा करने के लिए उन्हें जमलू देवता ने कहा है।