18 DECWEDNESDAY2024 10:30:15 PM
Nari

बेहद कठिन होता है नागा साधुओं का जीवन, जानिए उनकी रहस्यमयी दुनिया के बारे में

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 18 Dec, 2024 08:22 PM
बेहद कठिन होता है नागा साधुओं का जीवन, जानिए उनकी रहस्यमयी दुनिया के बारे में

नारी डेस्क: नागा साधु भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में अद्वितीय स्थान रखते हैं। उनका जीवन कठिन तपस्या, संन्यास और ईश्वर साधना पर आधारित होता है। वह अपने सांसारिक जीवन को पूरी तरह त्याग देते हैं उनके लिए परिवार, धन, और समाज के बंधन समाप्त हो जाते हैं।  वे साधना, योग और ध्यान में अधिकांश समय बिताते हैं। चलिए जानते हैं नागा साधु बनने की प्रक्रिया और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में।


नागा साधु का जीवन कैसा होता है?

नागा साधु का जीवन कठिन और तपस्वी है, जो हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं है। उनका उद्देश्य सांसारिक मोह-माया से मुक्त होकर आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करना है। वे स्थायी रूप से एक स्थान पर नहीं रहते। अधिकतर समय तीर्थस्थलों और कुम्भ मेलों में व्यतीत करते हैं। नागा साधु प्राचीन काल से ही शस्त्र विद्या में निपुण होते हैं और यह उनकी परंपरा का हिस्सा है। 


नागा साधु कैसे बनते हैं?

नागा साधु बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त अखाड़े के गुरु के पास जाना होता है। संन्यास लेने के दौरान साधु सांसारिक जीवन और सभी प्रकार के भौतिक सुखों का त्याग करने की शपथ लेते हैं। नागा साधु बनने के लिए कठोर तपस्या और अनुशासन का पालन करना पड़ता है। नागा साधु बनने की प्रक्रिया में एक विशेष दिक्षा समारोह होता है, जिसमें उन्हें जनेऊ और वस्त्र त्यागने के बाद नागा साधु की मान्यता मिलती है। नागा साधु भगवान शिव के उपासक होते हैं और अपनी साधना को शिव को समर्पित करते हैं।  


नागा साधु कहां रहते हैं?

नागा साधु विभिन्न अखाड़ों से जुड़े होते हैं, जैसे जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा आदि। नागा साधु अक्सर हिमालय, गुफाओं, और जंगलों में तपस्या करते हैं।  कुम्भ मेले में नागा साधु बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं। वे वाराणसी, हरिद्वार, और उज्जैन जैसे तीर्थस्थलों पर भी रहते हैं।  

 

नागा साधुओं की दिनचर्या 

यह सुबह जल्दी उठकर योग और ध्यान करते हैं। वह शरीर पर भस्म (राख) लगाते हैं, जो उन्हें सांसारिक पापों और दोषों से मुक्त रखने का प्रतीक है।  
वह शिव मंत्रों का जाप और साधना में समय बिताते हैं और भोजन के लिए भिक्षा मांगते हैं। इसके अलावा वह विभिन्न अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में भाग लेते हैं।  


नागा साधु बनने का उद्देश्य

नागा साधु बनने का मुख्य उद्देश्य आत्मा का शुद्धिकरण और मोक्ष की प्राप्ति है। वे भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं। वह सांसारिक सुख-दुख से परे जीवन जीने का प्रयास करते हैं।  प्राचीन काल में नागा साधु धर्म की रक्षा के लिए युद्ध भी करते थे।  नागा साधु भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का अभिन्न अंग हैं,  वे कुम्भ मेले के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक हैं।  

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