नारी डेस्क: गाने हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होते हैं, जिन्हें हम खुशी, ग़म, अकेलेपन या जश्न के समय सुनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा गाना भी है जिसे सुनकर 100 से ज़्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली थी? हां, यह एक सच्ची घटना है जो किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी नहीं बल्कि एक डरावनी और रहस्यमयी सच्चाई है। यह गाना है "Gloomy Sunday"।
यह गाना हंगरी के रेज़सो सेरेस ने 1933 में लिखा था और इसके बोल इतने दुखद और भावुक थे कि इसे सुनने वालों का दिल टूट जाता था। जब यह गाना 1935 में रिलीज़ हुआ, तो इसके बाद एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उस व्यक्ति ने अपने सुसाइड नोट में साफ तौर पर लिखा था कि उसने यही गाना सुना और इसके बाद उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। इसके बाद, गाने को सुनने वाले एक-एक करके दुखद परिस्थितियों का सामना करते हुए आत्महत्या करने लगे।
गाने के प्रभाव से प्रभावित लोग
रेज़सो सेरेस की मंगेतर ने भी गाने को सुनने के बाद आत्महत्या कर ली। रेज़सो सेरेस ने 1968 में खुद को खो दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई लोग इस गाने को सुनने के बाद मानसिक रूप से प्रभावित हुए और कुछ ने आत्महत्या कर ली।
गाने के बोलों की गहरी भावनाएं
"Gloomy Sunday" के बोलों में गहरे दुख, अकेलेपन और निराशा को व्यक्त किया गया है। उस समय हंगरी में आर्थिक तंगी, बेरोजगारी और सामाजिक तनाव के कारण लोग मानसिक रूप से कमजोर थे और इस गाने को सुनकर उन्हें ऐसा लगा जैसे यह गाना उनकी ही कहानी कह रहा हो। गाने की गहरी भावनाओं ने उन्हें भावनात्मक रूप से प्रभावित किया और इसका नकारात्मक असर हुआ।
गाने पर बैन
गाने के प्रभाव को देखते हुए, 1960 के दशक में इसे रेडियो पर बजाने से बैन कर दिया गया था। इसे आधिकारिक रूप से रोक दिया गया था, और यह गाना उन गीतों में से एक बन गया था जिस पर सरकारी प्रतिबंध लगा था।

62 साल बाद बैन हटा
अब, 62 साल बाद 2025 में इस गाने पर से बैन हटा दिया गया है। हालांकि, यह कुछ संगीतप्रेमियों के लिए रोमांचक हो सकता है, लेकिन कई लोग अब भी मानते हैं कि इस गाने को फिर से चलन में लाना संवेदनशील मुद्दा हो सकता है, और इसके प्रभाव से बचना बेहतर है।
अगर आप इस गाने के बारे में सोच रहे हैं, तो सोच-समझ कर ही सुनें। इसके इतिहास और प्रभाव को देखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि इसे न सुना जाए, क्योंकि यह गाना मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।