चिलचिलाती गर्मी के बाद जब मानसून का मौसम दस्तक देता है तो कई तरह की बीमारियों का खतरा भी होता है। बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हाेते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों के अलावा भगवान भी बीमार पड़ जाते हैं। जी हां, इन दिनों भगवान जगन्नाथ स्वामी बीमार चल रहे हैं, जिसके चलते उन्हे क्वारंटाइन किया गया है।
आम रस पीकर बीमार हुए भगवान
दरअसल कोटा के रामपुरा इलाके में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में भगवान इन दिनों बीमार हो गए हैं। भगवान जगन्नाथ का इलाज करने के लिए वैद्यजी हर रोज मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर पुजारी कमलेश दुबे के अनुसार पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद 200 किलो आम के रस का सेवन करने से मंदिर में भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए हैं। अब वह 15 दिनों के लिए शयन करेंगे। स्वास्थ्य ठीक होने के बाद ही वह नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
खाना-पीना में भी परहेज शुरू
इस बीच भगवान को खाना-पीना में भी परहेज शुरू हो गया है। उन्हे काली मिर्च, लोंग, दालचीनी, इलायची, मिश्री, शहद आदि जड़ी बूटी युक्त गाढ़ा दवा प्रसाद रूप में दिया जा रहा है। काढ़े के अलावा फलों का रस भी दिया जाता है। वहीं रोज शीतल लेप भी लगया जाता है। जगन्नाथ धाम मंदिर में तो भगवान की बीमारी की जांच करने के लिए हर दिन वैद्य भी आते हैं।
15 दिन तक बंद रहेंगे मंदिर के पट
भगवान जगन्नाथ बीमार होने के बाद 15 दिनों तक आराम करते है। जयेष्ठ शुक्ल पूर्णिमा से आराम के लिए 15 दिन तक मंदिरों पट भी बंद कर दिए जाते है और उनकी सेवा की जाती है। ताकि वे जल्दी ठीक हो जाएं ।जिस दिन वे पूरी तरह से ठीक होते है आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकलती है, जिसके दर्शन हेतु असंख्य भक्त उमड़ते है। कहा जाता है कि भगवान खुद पे तकलीफ ले कर अपने भक्तों का जीवन सुखमयी बनाते हैं।
सालों से चली आ रही है ये परंपरा
यह एक पुरानी परंपरा है कि भगवान जगन्नाथ स्वामी गर्मियों में बीमार हो जाते हैं और उनका इलाज होता है। वह जेष्ठ मास की पूर्णिमा से लगातार 15 दिन तक बीमार रहता है और आषाढ़ मास की अमावस्या को स्वस्थ हो जाता है । मंदिर के पुजारी के अनुसार यह परंपरा करीब 150 साल से चली आ रही है। जिसका अभी भी पालन किया जा रहा है।