सालभर में कुल 3 तीज मनाई जाती है। ऐसे में हरितालिका तीज का त्योहार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हर शुभ पर्व हरियाली और कजरी तीज के बाद आता है। इस साल हरितालिका तीज का व्रत 9 सिंतबर 2021, दिन गुरुवार को पड़ रहा है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस साल पड़ने वाली हरतालिका तीज पर 14 साल बाद रवियोग बन रहा है जो बेहद ही शुभ है। इस शुभ तिथि पर प्रथम पूजनीय गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने व पूजा करने से पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि बढ़ती है। साथ ही शादी योग कन्याओं को मनचाहा साथी मिलता है। ऐसे में अगर आप भी हरितालिका तीज का व्रत रख रही है तो चलिए जानते हैं पूजा-विधि व महत्व...
बेहद कठिन होता है हरतालिका तीज का व्रत
हरतालिका तीज का यह पावन व्रत सुहागिन महिलाओं व कुंवारी कन्याओं द्वारा रखा जाता है। इस व्रत निराहार और निर्जला यानि बिना कुछ खाएं-पिएं किया जाता है। ऐसे में इस व्रत को रखना बेहद ही कठिन मगर शुभफल देने वाला होता है।
हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त
हरितालिका तीज 9 सितंबर 2021, दिन गुरुवार, सुबह 02:33 मिनट से आधी रात 12:18 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी। शाम को पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06:03 से 08:33 तक रहेगा। प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 06:33 से 08:51 तक रहेगा।
हरतालिका तीज पर बना रहा रवियोग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस साल पड़ने वाली हरतालिका तीज के पर्व पर करीब 14 साल बाद रवियोग बन रहा है। यह शुभ संयोग चित्रा नक्षत्र के कारण बन रहता है। ऐसे में इस दौरान पूजा करने से शुभफल की प्राप्ति होगी। रवियोग का शुभ समय 9 सितंबर 2021, दिन गुरुवार, दोपहर 02:30 से शुरु होकर 10 सितंबर 2021, दिन शुक्रवार शाम 05:16 मिनट कर रहेगा। शुभ समय 9 सितंबर की शाम 06:45 मिनट से 08:12 मिनट तक माना जाएगा।
हरतालिका तीज महत्व
हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी कन्याओं व सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है। मान्यता है कि इस उपवास को रखने से कुंवारी लड़कियों की शादी में आने वाली परेशानियां दूर होती है। ऐसे में उन्हें मनचाहा साथी मिलता है। इसके साथ ही सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य व संतान सुख की फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस साल इस व्रत पर रवियोग बन रहा है। ऐसे में इस समय पूजा करने से मनचाहा फल मिलेगा।
इस रंग के कपड़े पहनने से बचें
हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी शुभ तिथि व त्योहार व काले, नीले और बैंगनी रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इसकी जगह पर लाल, मरून, गुलाबी, पीले और हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
हरितालिका तीज पूजा-विधि
. सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें।
. मंदिर साफ करके मिट्टी से श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं।
. प्रथम पूजनीय गणेश जी को तिलक लगाकर दूर्वा चढ़ाएं।
. महिलाएं पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पार्वती माता और भगवान शिव का पूजा करें।
. फिर भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमि का फूल आदि अर्पित करें।
. मां पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
. तीनों देवी- देवताओं को वस्त्र चढ़ाएं।
. दीपक जलाकर पूजा करें।
. उसके बाद हरितालिका तीज की व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
. अंत में भगवान गणेश, माता पार्वती और शिव जी की आरती करके उन्हें भोग लगाएं।