बढ़ते कोरोना के मामले एक बार फिर से लोगों के साथ-साथ तमाम देश की सरकारों की चिंता बढ़ा रहे हैं। इससे अब तक लाखों लोगों जान गवा चुके हैं। चिंता की बात इसलिए है क्योंकि कोरोना अब एक और बार वापसी कर रहा है लेकिन लोग इसे लेकर अब इतने गंभीर नहीं है। इस वायरस पर काबू पाने के लिए तमाम वैक्सीन पर काम चल रहा है और हाल ही में Moderna और Pfizer के बाद अब अमेरिका में तीसरी वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। तीसरी वैक्सीन जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन है और अमेरिका में इसे इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया गया है। तो चलिए आपको इस वैक्सीन के बारे में सबकुछ बताते हैं।
दो नहीं सिर्फ एक खुराक ही काफी
अभी तक जितनी भी कोरोना वैक्सीन को अप्रूवल मिला है वह दो खुराक वाली वैक्सीन हैं लेकिन इस वैक्सीन की 2 नहीं बल्कि एक खुराक ही कारगर है। यह वैक्सीन कोरोना को हराने में सफलता की ओर एक कदम हो सकता है क्योंकि लगातार बढ़ते मामलों में ऐसी ही वैक्सीन की जरूरत थी जिसकी एक ही खुराक कारगर हो। बता दें कि ईयूए ने जॉनसन की कोरोना वैक्सीन जैनसेन को अमेरिका में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को लगाने की ही अनुमति दी है।
संक्रमण रोकने में कारगर
एफडीए की मानें तो वैक्सीन के उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि संक्रमण को रोकने के लिए जॉनसन की कोरोना वैक्सीन काफी प्रभावी है। गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती करने की भी जरूरत नहीं पड़ी। आपको यह भी बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन का तीन देशों में क्लिनिकल परीक्षण हुआ। इन परीक्षण में पाया गया कि जेएंडजे कंपनी की वैक्सीन अमेरिका में 85.9 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका में 81.7 फीसदी और ब्राजील में 87.6 फीसदी तक प्रभावी रही है। ये तीनों वो देश हैं, जहां कोरोना वायरस के खतरनाक वेरिएंट मिले। हालांकि जानकार यह भी कहते हैं कि वैक्सीन को लगाने के बाद हल्का दर्द, बुखार, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
अमेरिका में बढ़ रहे कोरोना के मामले
आपको बता दें कि कोरोना ने पूरी दुनिया में आफत मचाई हुई है। बात अगर अमेरिका की करें तो वहां अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं और यह अपने आप में एक बहुत आंकड़ा हैं।