हार्ट अटैक इन दिनों कई सारी मौतों का कारण बन रहा है। वहीं इसी बीच गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने हाल ही में कहा कि पिछले छ: महीनों के दौरान राज्य में दिल का दौरा पड़ने के कारण कुल 1052 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जिनमें से 80 फीसदी लोग 11-25 साल की उम्र के थे। डिंडोर ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के मामलों को देखते हुए लगभग दो लाख स्कूल शिक्षकों और कॉलेज प्राध्यापकों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की ट्रेनिंग दी जाएगी।
गुजरात में पिछले छ: महीनों में हुई 1052 लोगों की मौत
कुबेर डिंडोर ने गांधीनगर में संवाददातों से कहा कि - 'गुजरात में पिछले छह महीने में दिल का दौरा पड़ने से 1052 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से लगभग 80 फीसदी 11 से 25 वर्ष के थे और इन छात्रों और युवाओं में मोटापे की शिकायत भी नहीं थी। 108 नंबर एम्बुलेंस सेवा को हृदय रोग संबंधित 173 कॉल प्रतिदिन औसतन प्रॉप्त होती है।' उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा विभाग की नई पहल के तहत लगभग दो लाख स्कूल और कॉलेज शिक्षकों को सीपीआर प्रशिक्षण देने के लिए 3-17 दिसंबर के बीच 37 मेडिकल कॉलेज में शिविर आयोजित किए जाएंगे। डिंडोर ने कहा कि - 'इन प्रशिक्षण शिविरों में लगभग 2,500 चिकित्सा विशेषज्ञ और चिकित्सक उपस्थित रहेंगे और प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे।'
क्या है हार्ट अटैक के लक्षण?
हार्ट अटैक के लक्षण कुछ इस तरह के हैं, जैसे
. सीने में दर्द और बैचेनी
. जबड़े, गर्दन या पीठ के दर्द या बैचेनी
. सांस लेने में कठिनाई
. छाती में दर्द
. घबराहट होना
. सांस का फूलना
. धड़कन एकदम से बढ़ जाना
. पसीने-पसीने हो जाना
कारण
एक्सपर्ट्स की मानें तो व्यक्ति को दिल का दौरा तभी पड़ सकता है, जब कोई कार्य कर रहा हो या एक्टिव हो, सोते समय भी खून का थक्का जमने से व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो सकता है। इसके अलावा वह अन्य गतिविधि करते समय भी दिल के दौरे का शिकार हो सकता है। कुछ कारण यह भी हो सकते हैं जैसे
. ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
. शुगर लेवल ज्यादा होना
. शारीरिक गतिविधियों की कमी
. जरुरत से ज्यादा वजन कम होना
. अक्सर तनाव में रहना
. समय के साथ उम्र का बढ़ना
. जेनेटिक्स
कैसे करें बचाव?
हार्ट अटैक से बचाव के बारे में बात करते हुए एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल का दौरा पड़ने की मुख्य वजह खराब आदतें और बदलता लाइफस्टाइल है। ऐसे में अपने लाइफस्टाइमें आप कुछ लाइफस्टाइल में बदलाव करके इस समस्या से बच सकता है।
. हेल्दी वेट बनाकर रखें।
. 7-8 घंटे की नींद लें।
. नियमित रुप से अपनी बॉडी की जांच करवाते रहें।
. ज्यादा मीठा या तला हुआ खाना
. धूम्रपान और शराब से परहेज करना
. नियमित रुप से एक्सरसाइज करना
. बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर निगरानी रखना