नारी डेस्क: पेरेंट्स अपने न्यूबॉर्न बेबी को हेल्दी रखने के लिए क्या कुछ नहीं करते। लेकिन इन सब में उसकी ओरल हेल्थ पर ध्यान देना भूल जाते हैं। शुरू से ही अगर बच्चे की ओरल हेल्थ को इग्नोर कर दिया जाए, तो बच्चों को दांतों में सड़न और कैविटी बहुत जल्दी होती है। खासतौर से तब जब आपका बच्चा बोतल से दूध पीता हो।अगर आपका बच्चा ब्रेस्टफीड करने के बजाय बोतल से दूध पी रहा है, तो उसके दांतों का खास ध्यान रखें। क्योंकि आजकल बच्चों में "मिल्क बॉटल कैविटी" या "बेबी बोतल सिंड्रोम" की समस्या बढ़ती जा रही है। यह एक आम समस्या है, जो ज्यादातर बच्चों में देखी जाती है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसे ठीक करना काफी मुश्किल हो सकता है।
क्या है मिल्क बॉटल कैविटी
मिल्क बॉटल कैविटी या बेबी बोतल सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है, जो छोटे बच्चों में होती है जब वे बोतल से दूध पीते रहते हैं, खासकर सोते वक्त। जब बच्चा सोते हुए बोतल से दूध पीता है, तो दूध उसके दांतों पर लंबे समय तक रहता है। दूध में शक्कर होती है, जो बैक्टीरिया के लिए खाना बनती है। ये बैक्टीरिया दांतों पर एसिड पैदा करते हैं, जो धीरे-धीरे दांतों में कीड़े (कैविटी) बना सकते हैं। जब छोटे बच्चों की दांत में सड़न या कैविटी की समस्या हो जाए, तो उसे मिल्क बॉटल सिंड्रोम कहते हैं। पहली बार दिखाई देने पर गम लाइन के पास सफेद धब्बे दिखाई देते हैं।अगर इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए, तो दांतों में कैविटी बन सकती है, जो आगे जाकर दर्द और इन्फेक्शन का कारण बन सकती है।
मिल्क बॉटल कैविटी से कैसे करें बचाव
बोतल की आदत छुड़ाएं
मांओं को बच्चों को मुंह में दूध की बोतल रखकर सोने की आदत डालने से बचना चाहिए।बच्चों को सोते समय बोतल से दूध पिलाना सही नहीं है, क्योंकि इससे दूध उनके दांतों पर लंबे समय तक रहता है। इसके बजाय, बच्चे को सोने से पहले दूध पिलाएं और फिर उसके दांत साफ करें।बच्चा जब बड़ा हो जाए, तो उसे धीरे-धीरे बोतल से दूध पीने की आदत से हटाना शुरू करें। उसे कप से दूध पिलाने की आदत डालें, जिससे बोतल का असर दांतों पर कम पड़े।
बच्चे की दांतों की सफाई करें
जैसे ही बच्चे के दांत आना शुरू हो जाएं, उन्हें हल्के से सफाई की आदत डालें। आप एक मुलायम कपड़े से बच्चे के दांतों को साफ कर सकते हैं या छोटे बच्चों के लिए बनाए गए खास ब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उनके दांतों में जमा प्लाक और बैक्टीरिया हट जाते हैं।
बच्चों के लिए सिपर का इस्तेमाल करें
बच्चा अगर ब्रेस्टफीड नहीं करता, तो बोतल से दूध पिलाने के बजाय उसके लिए सिप्पी कप या टंबलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मिल्क बॉटल कैविटी से बचने का अच्छा तरीका है।
छोटे बच्चे के दांत रुमाल से करें साफ
छोटे बच्चों को ब्रश नहीं करवाया जाता है। ऐसे में दांतों पर चिपकी शक्कर को साफ करने के लिए आप बच्चे को दूध पिलाने के बाद साफ, मुलायम और पतले कपड़े का एक रूमाल लेकर रोजाना दिन में दो बार बच्चे के मसूड़ों को पोंछकर साफ करें ताकि शक्कर दांतों पर चिपकी ना रहें।
दूध के बाद पानी पिलाएं
अगर बच्चा बोतल से दूध पीने के बाद सोने जा रहा है, तो उसके बाद पानी पिलाना फायदेमंद हो सकता है। इससे दांतों पर जमा शक्कर और बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं और दांतों को नुकसान नहीं होता।