नारी डेस्क: शिशु के साथ कम्यूनिकेट करने में टच यानी की स्पर्श बहुत अहम होता है लेकिन पेरेंट्स इस बात को समझ नहीं पाते हैं। पेरेंट्स का टच शिशु के विकास और लर्निंग के लिए भी जरूरी होता है।जब तक बच्चा बोलना शुरू नहीं करता है, तब तक वो अपने आसपास की चीजों को छूकर अपनी बात कहता है। शिशु के साथ कम्यूनिकेट करने का सबसे असरदार तरीका है मसाज।जन्म के बाद बच्चों के विकास में मां के दूध के साथ-साथ मालिश भी बहुत जरूरी होती है।यह न केवल बच्चे के शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाता है। आइए जानते हैं शिशु की मालिश के फायदे के बारे मे।
शारीरिक विकास में मदद
शिशु की मालिश से उनके मांसपेशियों और हड्डियों का विकास बेहतर तरीके से होता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और बच्चे की त्वचा को भी पोषण मिलता है। मालिश के दौरान शरीर की नसों में ब्लड का फ्लो तेज होता है, जिससे बच्चा स्वस्थ महसूस करता है।
पाचन संबंधी परेशानियों को करता है दूर
तेल की मालिश बच्चों की पाचन संबंधी परेशानियों को भी दूर करने में मददगार होती है। पेट और कमर के हिस्से की हल्की मालिश से बच्चों का पाचन तंत्र बेहतर होता है। यह गैस, पेट दर्द और कब्ज की समस्या को दूर करता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
शिशु की त्वचा बहुत सेंसेटिव होती है। मालिश से उनकी त्वचा को मुलायम और स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। यह त्वचा को नमी देता है और उसे ड्राई होने से बचाता है।
संबंध को बनाता है मजबूत
जब आप अपने बच्चे की मालिश करते हैं, तो यह माता-पिता और शिशु के बीच एक मजबूत रिश्ता बनाता है। मालिश के दौरान शिशु जो स्पर्श महसूस करते हैं, वो उन्हें सुरक्षा और प्यार का एहसास दिलाता है, जो बच्चे को मानसिक शांति और सुरक्षा महसूस कराता है।
नींद में सुधार
बहुत से शिशु रात में सोने में परेशानी महसूस करते हैं। मालिश से उनके शरीर में आराम मिलता है, जिससे उन्हें बेहतर नींद आती है। जब शिशु आराम से सोता है, तो उनका मानसिक और शारीरिक विकास ठीक से होता है।शिशु की मालिश उन्हे एक तरह से रिलैक्स करता है, जो उन्हें मानसिक शांति और आराम देती है। यह उनका मूड भी अच्छा रखता है।
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
शिशु की मालिश से उनके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। यह मालिश शिशु को ताजगी और एनर्जी देती है। ब्लड का फ्लो अच्छे से होता है, जिससे शिशु को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और उनका शरीर स्वस्थ रहता है।
मालिश करते समय ध्यान रखें कुछ बातें
1. शिशु के लिए एक अच्छा तेल चुनें जो उनकी त्वचा के लिए सही हो। जैतून का तेल, नारियल तेल या शिशु के लिए विशेष रूप से बने तेल अच्छे ऑप्शन होते हैं।
2. शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है, इसलिए मालिश को हल्के और कोमल तरीके से करें।
3. मालिश करने के लिए शांति और आरामदायक जगह चुनें। एक अच्छा समय सुबह या शाम का हो सकता है, जब शिशु आराम से हो।
4. तेल को हल्का गर्म कर के मालिश करें, लेकिन ध्यान रखें कि तेल ज्यादा गर्म न हो, ताकि शिशु को जलन महसूस न हो।
शिशु के लिए लंबी मालिश करना जरूरी नहीं है। 5 से 10 मिनट की मालिश भी बहुत फायदेमंद हो सकती है।यह बच्चों और पेरेंट्स के भी एक बॉन्ड बनाती है। इसलिए, अपने बच्चे की मालिश जरूर करें।