रक्षाबंधन का त्यौहार भाई- बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। शास्त्रों के अनुसार भाई को रक्षा सूत्र बांधते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे भाई-बहन के रिश्ते में और मजबूती आ सकती है। यहां कुछ वास्तु टिप्स दिए गए हैं जिन्हें आप इस शुभ अवसर पर ध्यान में रख सकते हैं।
राखी बांधने की दिशा
राखी बांधते समय भाई का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशा शुभ मानी जाती है और रिश्ते में सकारात्मक ऊर्जा लाती है। भाई का मुख उत्तर दिशा की ओर हो तो यह धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
पूजा थाली की सजावट
राखी की पूजा थाली के लिए चांदी, तांबे या पीतल की थाली का उपयोग करें। यह शुभ मानी जाती है और रिश्ते में सकारात्मक ऊर्जा लाती है। इस दौरान अष्टधातु की थाली का उपयोग करना भी अच्छा होता है, क्योंकि इसमें सभी धातुओं के गुण होते हैं। थाली में राखी, अक्षत (चावल), रोली, दीया, मिठाई, और नारियल रखें। ये सभी चीजें पूजा को संपूर्ण बनाती हैं।
राखी बांधने का समय
राखी बांधने के लिए सही मुहूर्त का चयन करें। भद्राकाल के दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
राखी के बाद दिया जाए उपहार
राखी बांधने के बाद बहन को नए वस्त्र, धन, या सोने-चांदी के गहने उपहार में देना शुभ माना जाता है। मिठाई का आदान-प्रदान करने से रिश्तों में मिठास बढ़ती है।
भाई-बहन का साथ में भोजन
रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन को एक साथ भोजन करना चाहिए। इससे उनके बीच का संबंध और भी प्रगाढ़ होता है। राखी बांधने से पहले भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।