डोमेस्टिक वॉयलेंस यानि कि घरेलू हिंसा, हमें लगता है कि इसकी शिकार सिर्फ आम औरतें ही हो रही हैं जबकि ऐसा नहीं है, बहुत सी फेमस महिलाओं ने भी इस दर्द को झेला है, चलिए आपको इसी की कुछ उदाहरणें दिखाते हैं...
करिश्मा कपूर जो कभी अपने पति के अत्याचारों से दुखी थी , 13 साल उन्होंने यह सब सहा जबकि वह एक नामी औरत थी...जब मारपीट, बेइज्जती सही नहीं गई तो उन्होंने आवाज उठाई।
श्वेता तिवारी जो एक नहीं दो बार घरेलू हिंसा की शिकार हुई पहले पति राजा चौधरी फिर दूसरे पति अभिनव कोहली से,,,अभिनव ने भी श्वेता और उनकी बेटी के साथ कई बार हाथा-पाई शुरू कर दी थी, अच्छी बात तो यह थी कि श्वेता ने यह सहा नहीं और तुरंत एक्शन लिया।
अपने जमाने की बोल्ड अदाकारा जीनत अमान, संजय खान के साथ रिलेशनशिप में थी। खबरों की मानें तो जीनत के पति ने एक बार अनके साथ पूरे होटल स्टॉफ के सामने बुरी तरह पीटा। पिटाई में उनकी एक आंख खराब हो गई थी और जबड़ा तक टूट गया था।
80 दश्क की फेमस एक्ट्रेस रति अग्निहोत्री ने भी घरेलू हिंसा का सामना किया है। साल 1985 में उन्होंने अनिल विरवानी से शादी की थी जो अकसर उनसे मार-पीट करते थे।
पूरी दुनिया के सामने अपना स्वंयवर रचने वाले राहुल भी डिम्पी के साथ मारपीट करते थे। शादी के महज 4 महीने के अंदर ही दोनों का रिश्ता इस तरह कड़वाहट से भर गया, जिसके चलते अकसर राहुल हिंसा पर उतर आते थे ...शादी के एक साल के अंदर ही डिंपी ने राहुल से तलाक की अर्जी दाखिल कर दी और 2015 में दोनों का तलाक हो गया। तलाक के बाद डिंपी ने दूसरी शादी कर ली। जिनसे उनको एक बेटी है।
बॉलीवुड और टीवी का जाना-माना चेहरा दीपशिखा नागपाल भी शामिल है। दीपशिखा भी घरेलू हिंसा का शिकार रह चुकी हैं। उन्होंने पति केशव पर मार-पीट का संगीन आरोप लगाया था आखिर उन्होंने आवाज उठाई और अलग हो गए।
टीवी सीरियल 'डायन' की एक्ट्रेस प्रिया बठीजा ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनके साथ घरेलू हिंसा हो रही है जिसकी वजह से वो पति से तलाक लेना चाहती हैं।
.बिग बॉस' के सीजन 9 की कंटेस्टेट रहीं मंदाना करीमी ने अपने पति पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। मंदाना करीमी ने बताया था कि उनके पति, सास-ससुर उनके साथ मारपीट करते थे। हालांकि मंदाना ने पति के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत वापस ले ली है।
भई इन सब मामलों को देखकर यहीं लगता है हमारे समाज में अभी भी महिलाओं की दशा सुधरी नहीं है, आखिर हमारे समाज में औरतें ही क्यों ये सब सह रही हैं हालांकि वह हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है, कहीं ना कहीं गलती महिलाओं की भी है क्योंकि वह इन सब बातों को सहन करती हैं और आवाज नहीं उठाती।
खुद के लिए आवाज उठाए, अपने अधिकारों को पहचानें।
इस बारे में आपकी क्या राय है हमें बताना ना भूलें।