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World Heart Day: पुरुषों और महिलाओं की दिल की धड़कन में भी होता है फर्क

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 29 Sep, 2025 11:44 AM
World Heart Day: पुरुषों और महिलाओं की दिल की धड़कन में भी होता है फर्क

नारी डेस्क: हर साल 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day)  मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों (Heart Diseases) के बारे में जागरूक करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। क्याेंकि हृदय रोग  दुनिया में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण हैं। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि महिलाओं की दिल की धड़कन पुरुषों से थोड़ी तेज़ होती है। औसतन यह अंतर लगभग 7–8 धड़कन प्रति मिनट का होता है। चलिए जानते हैं इसका कारण 


क्या है इसका कारण? 

महिलाओं का हृदय आकार में पुरुषों की तुलना में थोड़ा छोटा होता है। छोटे हृदय को शरीर में पर्याप्त रक्त पंप करने के लिए तेजी से धड़कना पड़ता है। एस्ट्रोजन (Estrogen) जैसे हार्मोन महिलाओं की धड़कन और रक्त प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे उनकी हार्ट रेट अक्सर थोड़ी ज्यादा रहती है। वहीं  महिलाओं का मेटाबॉलिज़्म और शरीर की ऊर्जा ज़रूरतें पुरुषों से थोड़ी अलग होती हैं, जो हृदय गति पर असर डाल सकती हैं।


इतना होता है फर्क

महिलाओं का मेटाबॉलिज़्म और शरीर की आंतरिक प्रक्रियाएं थोड़ी अलग होती हैं। शरीर को लगातार ऑक्सीजन और पोषण देने के लिए दिल को थोड़ा तेज़ काम करना पड़ता है। उदाहरण के लिए किसी पुरुष की औसत दिल की धड़कन 70 धड़कन प्रति मिनट है। उसी स्थिति में किसी महिला की औसत धड़कन लगभग 78 धड़कन प्रति मिनट हो सकती है। यह अंतर प्राकृतिक और सामान्य है, किसी बीमारी का लक्षण नहीं।


विश्व हृदय दिवस का महत्व

हृदय रोग (Cardiovascular Diseases) दुनिया में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण हैं। अस्वस्थ खानपान, धूम्रपान, तनाव, और शारीरिक गतिविधि की कमी दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं। इस दिन लोगों को यह संदेश दिया जाता है कि “दिल की सुरक्षा, जीवन की सुरक्षा” है। इस दैरान दिल की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है और स्वस्थ आहार और व्यायाम को बढ़ावा देनने पर जोर दिया जाता है।
 

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