बच्चें बचपन में मिट्टी, पेंसिल, चॉक, सलेटी आदि खा लेते हैं लेकिन कई बार बड़े होने के कारण भी यह आदत नहीं जाती। मगर, पेंसिल या चॉक खाने की इच्छा शरीर में खून की कमी का संकेत भी हो सकता है। मेडिकल भाषा में इसे पीआइसीए कहा जाता है, जिसकी वजह से कच्चे चावल, बर्फ के टुकड़े, पेंसिल, चॉक, सलेटी खाने का मन करता रहता है।
क्यों खाते हैं लोग सलेटी या चॉक?
सलेटी, पेंसिल या चॉक को बनाने के लिए कैल्शियम कार्बोनेट यूज होती है। यही वजह है कि शरीर में कैल्शियम, आयरन या खून की कमी होने होने पर इन चीजों की क्रेविंग होती है। मगर, रोजाना या अधिक मात्रा में सलेटी या चॉक खाने से किडनी में पथरी हो सकती है।
सलेटी या चॉक खाने के नुकसान
. पेट खराब होने की आशंका
. किडनी में पथरी बनना
. मुंह में घाव होना
. पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग
. भूख धीरे-धीरे कम होना
. शरीर में कमजोरी आना
. मानसिक विकास में बाधा
प्रेगनेंसी में सलेटी खाना हानिकारक है या नहीं?
कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान भी इसकी क्रेविंग होती है लेकिन इससे गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है। बार-बार सलेटी खाने से भ्रूण के विकास में भी बाधा पड़ती है।
शरीर में खून की कमी के अन्य लक्षण
. थकान से चूर रहना
. सांस लेने में तकलीफ
. कभी-कभी सीने में दर्द की शिकायत
. ऐन्जाइना (दिल में दर्द)
. पीरियड के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना
. रंगत पीली नजर आना
. बार-बार नाखून टूटना
कितनी होनी चाहिए खून की मात्रा?
किसी भी सामान्य औरत के लिए हीमोग्लोबिन काउंट 12 g/dl और पुरुष के लिए 14 g/dl होना चाहिए। भारत में 30 से 50% आबादी एनीमिया से जूझ रही है, जिसका कारण आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12 की कमी है। ये पोषक तत्व शरीर में खून बनाने के लिए अहम है।
सबसे जरूरी है आयरन
खून की कमी पूरी करने के लिए आयरन लेना बहुत जरूरी है, जो आहार में आसानी से मिल जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना करीब 10 मि.ग्रा. आयरन चाहिए होता है। आहार से मिल रहा 10% आयरन आंत (इंटेस्टाइन) अवशोषित कर लेती है। इसलिए रोजाना कम से कम 10 मि.ग्रा. आयरन यानी 2,000 कैलोरी लेनी चाहिए।
क्या खाएं और किससे करें परहेज
1. इसकी कमी पूरी करने के लिए टमाटर, गिलोय, तुलसी, पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, पालक, केल (Kale), चुकंदर, अनार, बेरीज, खजूर, बादाम, अंजीर, अखरोट, मुनक्का, तिल, कद्दू या अलसी के बीज, दालें, मछली, मीट और अंडे खाएं।
2. कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जो अवशोषण की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं, जैसे गेहूं, चावल, चाय, कॉफी और तंबाकू। इनमें टैनिक एसिड होता है जो आयरन के अवशोषण में बाधा डालते है। इसके अलावा सब्जियों से मिलने वाला आयरन भी आसानी से पचता नहीं, जिससे खून की कमी होने लगती है।
अगर आहार से भी पूरी ना हो आयरन की कमी तो...
-आयरन की कमी पूरी करने के लिए आप आहार के अलावा सिरप या कैप्सूल ले सकते हैं, जो मेडिकल स्टोर में आसानी से उपलब्ध है लेकिन इससे पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
-आयरन की गोलियां 4-6 महीनों तक दिन में 2 बार लेना होती है लेकिन 30% लोग पेट की दिक्कतों के कारण इन्हें खा नहीं पाते।
-ऐसे में आयरन इंजेक्शन (इंट्रामस्क्युलर) का विकल्प मौजूद है लेकिन इससे दर्द और त्वचा की रंगत पीली पड़ना जैसे साइड-इफैक्ट देखने को मिलते हैं। हालांकि हाल ही में एक सेफ इंट्रावीनस आयरन खुराक बनाी गई है, जिसकी एक खुराक लेने से ही आयरन की कमी काफी हद तक पूरी हो जाती है।
याद रखें कि सही डाइट और लाइफस्टाइल ही आपको बीमारियों से बचा सकता है इसलिए जितना हो सके हैल्दी खाएं और स्वस्थ रहें।