नारी डेस्क: अयोध्या में शनिवार (प्रतिष्ठा द्वादशी) को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ से जुड़े समारोह की शुरुआत हो गई, जिसके लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचे हैं। शनिवार से राम मंदिर परिसर में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। वर्षगांठ समारोह की शुरुआत यजुर्वेद के पाठ से हुई। पिछले साल यह पवित्र आयोजन हिंदू कैलेंडर के पौष माह के शुक्ल पक्ष की कूर्म द्वादशी को मनाया गया था। इसलिए इस साल शुक्ल पक्ष 11 जनवरी को पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वाह्न करीब 10:30 बजे रामलला का अभिषेक करेंगे। दोपहर 12:20 बजे भगवान की भव्य आरती होगी, इसके बाद भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा के पाठ के साथ 6 लाख श्री राम मंत्र का जाप किया जाएगा।मंदिर ग्राउंड फ्लोर पर दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक 'राग सेवा' का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद शाम 6 बजे बधाई गीत होगा। इसी तरह यात्री सुविधा केंद्र की पहली मंजिल पर संगीतमय मानस पाठ होगा।
रामलला के दरबार को फूलों से सजाया गया है। मंदिर पहुंचे स्थानीय निवासी ने कहा- "जनवरी 2024 में जब प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, तब हम राम जन्मभूमि नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन इस बार हम पहली वर्षगांठ पर रामलला के दरबार में पहुंचकर भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं।" मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, 11 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस समारोह में आम लोगों को भी शामिल किया जाएगा, जो पिछले साल ऐतिहासिक समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।कार्यक्रम में मंडप और यज्ञशाला में शास्त्रीय सांस्कृतिक प्रस्तुति, अनुष्ठान और दैनिक राम कथा प्रवचन शामिल हैं।
मंदिर परिसर के अंदर 'अंगद टीला' पर राम कथा की भी योजना बनाई गई है, जिसके बाद मानस प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, वर्ष के पहले दिन 1 जनवरी को 2 लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। भगवान राम का 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह 22 जनवरी, 2024 को आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य अनुष्ठान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए थे। अनुष्ठान के बाद राम लला की मूर्ति का अनावरण किया गया।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और कुल 392 खंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के खंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं के जटिल रूप से गढ़े गए चित्र हैं। भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को स्थापित किया गया है।
भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से ही लाखों श्रद्धालु अयोध्या में उमड़ रहे हैं। हनुमानगढ़ी राम मंदिर में प्रतिदिन आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।